रामनाथी (गोवा) – गोवंश रक्षा अभियान के श्री. हनुमंत परब ने पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के तृतीय दिवस में उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठोंको संबोधित करते हुए कहा, गोवा परशुरामभूमि है, उसे देवभूमि भी माना जाता है । ऐसी इस भूमि को राज्यकर्ताआें ने रोम की भूमि बना दिया है । यहां ८० प्रतिशत हिन्दू हैं । १३ प्रतिशत ईसाई हैं तथा शेष अन्य पंथीय हैं । ऐसा होते हुए भी देवभूमि गोवा को भोगभूमि होने का दुष्प्रचार किया गया है ।
यहां का भाजपा शासन ईसाइयों के दबाव में काम कर रहा है । एकत्रित मतों के लिए ईसाई और मुसलमानों के लिए कार्य कर रहा है । इसलिए वे गोमाता के लिए कुछ नहीं कर सकते । हिन्दुत्वनिष्ठों के विरोध के कारण राज्य में स्थित शासकीय पशुवधगृह वर्ष २०१३ में बंद कर दिया गया था । राज्यशासन ने इस पशुवधगृह के आधुनिकीकरण के लिए १६ करोड रुपए व्यय कर उसे पुनः प्रारंभ किया । गोरक्षकों ने कुछ अवैध पशुवधगृह बंद करवा दिए हैं । उसके पश्चात पडोस के कर्नाटक से गोमांस राज्य में आ रहा है । इसे शासन का समर्थन प्राप्त है । यह शासन हिन्दुआें के लिए कुछ नहीं करता । इसके परिणाम आगामी चुनाव में शासन को भोगने पडेंगे । राज्य में गोवंश की रक्षा के लिए गोहत्या प्रतिबंधक कानून आवश्यक है । संपूर्ण भारत में गोहत्या प्रतिबंधक कानून लागू करने के लिए सभी हिन्दुत्वनिष्ठों को संगठित होकर प्रयास करना आवश्यक है । गोमाता की रक्षा होगी, तो हिन्दू राष्ट्र स्थापित होगा ।