रामनाथी (गोवा) – निखिल बंग नागरिक संघ के सचिव श्री. सुभाष चक्रवर्ती ने पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, मैं तीन दिनों से हिन्दू अधिवेशन में उपस्थित हूं । यह अधिवेशन एक संजीवनी है । यदि अगले वर्ष भी अवसर मिला, तो मैं इस स्थान पर पुनः उपस्थित रहूंगा । हमारे लिए यह हिन्दुत्व का घर बन गया है । वर्ष १९४७ में जब देश का विभाजन हुआ और पूर्व पाकिस्तान बना, तब से वहां के हिन्दुआें का अधिकार नष्ट हो गया है और उनपर अत्याचार करने के लिए मुसलमानों को खुली छूट मिल गई ।
वर्ष १९७० तक १ लाख से अधिक हिन्दुआें को पूर्व पाकिस्तान से भगा दिया गया । २० सहस्र भारतीय सैनिक हुतात्मा हुए तथा उन्होंने वर्ष १९७० में बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलवाई । तब से हिन्दुआें पर बडी मात्रा में अत्याचार हो रहे हैं । एक कानून के अंतर्गत हिन्दुआें की भूमि बांग्लादेश शासन ने हडप ली है । बांग्लादेश में सहस्रों मंदिर तोडे गए, मूर्तियां तोडी गईं, सहस्रों मंदिरों में आग लगा दी गई, अनेक मंदिरों को अपवित्र किया गया । हिन्दुआें की एक लाख करोड की संपत्ति नष्ट कर दी गई । बांग्लादेश हमारी मातृभूमि है । आपकी सहायता मिली, तो निश्चित ही हम बांग्लादेश में लौट जाएंगे तथा भारत में ही नहीं अपितु बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करेंगे । बंगाल में भी बांग्लादेशी घुसपैठिए स्थानीय हिन्दुआें पर अत्याचार कर रहे हैं । वहां के हिन्दुआें की संपत्ति हडप रहे हैं । वहां के हिन्दू पडोस के राज्य में जा रहे हैं । इस अन्याय के विरोध में यदि हिन्दुआें ने एकत्रित आकर संघर्ष नहीं किया, तो भारत का बंगाल दूसरा कश्मीर बने बिना नहीं रहेगा ।