Menu Close

श्रीलंका के हिन्दुआें का वंशविच्छेद रोकने के लिए सर्वत्र के हिन्दू श्रीलंका में आएं – श्री. सच्चिदानंदन, श्रीलंका

पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में देश-विदेश के हिन्दुआें की सहायता के लिए जाने का हिन्दुत्वनिष्ठों का निश्‍चय

श्री. सच्चिदानंदन

विद्याधिराज सभागृह, रामनाथी (गोवा) – लाखों वर्षों से श्रीलंका में हिन्दू निवास कर रहे हैं । अंग्रेज जब छोडकर गए, तब वह भूमि हमें हिन्दू भूमि के रूप में मिली थी; परंतु आज श्रीलंका में मुसलमान, ईसाई और बौद्धों की जनसंख्या बढ गई है तथा वहां पुलिस द्वारा हिन्दुआें का दमन किया जा रहा है । निरपराध हिन्दुआें को गोलियां मारी जा रही हैं । श्रीलंका में योजना बनाकर हिन्दुआें का वंशविच्छेद चल रहा है । वहां के हिन्दुआें की सहायता के लिए उन्हें आधार देने के लिए भारत, बांग्लादेश, नेपाल के हिन्दुत्वनिष्ठ श्रीलंका में आएं, ऐसा आवाहन श्रीलंका के हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. मरवनपुलावू सच्चिदानंदन ने किया ।

वे आगे बोले, ‘‘हमें संस्कृति, परंपरा, तत्त्वज्ञान की अमूल्य विरासत मिली है । वह हमें अगली पीढी तक पहुंचानी है । इस संस्कृति का प्रसार, प्रचार करने के लिए तथा उसी प्रकार का आचरण करने के लिए संविधानात्मक कार्यप्रणाली बननी चाहिए । केवल भारत, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका ही नहीं अपितु जहां जहां हिन्दू हैं, उन सभी स्थानों पर हिन्दू राष्ट्र बनना चाहिए ।’’

अखंड हिन्दू राष्ट्र की विजय हो !

श्री. सच्चिदानंदन ने मार्गदर्शन करते समय श्रीलंका के हिन्दुआें को किस प्रकार क्रूरता से प्रताडित किया जाता है, इस संदर्भ में ‘बीबीसी’ समाचार वाहिनी का चलचित्र (वीडियो) स्क्रीन पर दिखाया । स्क्रीन पर हिन्दू स्त्रियां, बालकों का आक्रोश, हाथ पैर बंधे हुए हिन्दू पुरुषों को गोलियां मारकर उनकी निर्दयता से की जानेवाली हत्याएं आदि मन झकझोर देनेवाले प्रसंग देखकर हिन्दुत्वनिष्ठ स्तब्ध हो गए । श्री. सच्चिदानंदन ने जब श्रीलंका के हिन्दुआें को आधार देने के लिए वहां आने का आवाहन किया, तब उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों ने ‘अखंड हिन्दू राष्ट्र की विजय हो’, ऐसी घोषणाएं स्वयंस्फूर्ति से देकर श्रीलंका के हिन्दुआें को समर्थन दिया ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *