पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में समान कार्य योजना का निर्धारण !
पणजी – पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के पहले चरण में हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों के अधिवेशन का समापन हो रहा है और २३ जून से हिन्दू राष्ट्र संगठकों का अधिवेशन आरंभ होगा । इस निमित्त एकत्र हुए १६१ से अधिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए व्यापक जनजागरण करने का संकल्प किया । विशेष बात यह है कि, राष्ट्र और धर्म जागृति के उपक्रमों के साथ ही आगे से सामाजिक उपक्रम चलाने का संकल्प भी अधिवेशन के हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया । समान कार्य योजना द्वारा निश्चित किए सामाजिक उपक्रम के माध्यम से सामान्य नागरिकों को त्रस्त करनेवाली अश्लीलता, पाठशालाआें के डोनेशन, चिकित्सालयों में लूटमार, भ्रष्टाचार जैसी समस्याआें के विरुद्ध भी कार्य किया जाएगा, साथ ही कश्मीरी हिन्दुआें का पुनर्वास करने हेतु राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाने का संकल्प लिया गया, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने दी ।
१९ जून से श्री रामनाथ देवस्थान (फोंडा, गोवा) के प्रांगण में यह अधिवेशन चल रहा है । इस अधिवेशन में भारत के २२ राज्यों तथा नेपाल और श्रीलंका के ४०० से अधिक प्रतिनिधि सहभागी थे । इस पत्रकार परिषद में कोलकाता (प. बंगाल) की शास्त्र धर्म प्रचार सभा के सचिव डॉ. शिब नारायण सेन; अरुणाचल प्रदेश के श्री. कुरु ताई; भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय सचिव श्री. अनिल धीर; बेलगाम, कर्नाटक के हिंदु विधीज्ञ परिषद के समन्वयक अधिवक्ता चेतन मणेरीकर और सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस उपस्थित थे ।
समान सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत सामाजिक दृष्टिकोण से समाजहित में उपक्रम चलाते समय स्थानीय समस्याआें को प्रधानता दी जाएगी । इन समस्याआें को सुलझाने के लिए स्थानीय स्तर पर आंदोलन करने का तथा उसमें समाज के अधिकाधिक धर्म और राष्ट्र प्रेमी हिन्दुआें को सहभागी करने का निश्चय इस अधिवेशन में किया गया ।
कश्मीर और बांग्लादेश के हिन्दुआें पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध ठोस कार्य करेंगे !
जिहादी आतंकवाद के कारण विस्थापित हुए कश्मीरी हिन्दू, सम्मानपूर्वक कश्मीर में रह पाएं, इसके लिए पूरे राष्ट्र के हिन्दुआें को संगठित रूप से केंद्रशासन पर दबाव डालना होगा । इस दृष्टि से कश्मीरी हिन्दुआें के पुनर्वास हेतु विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के सहभाग से पूरे भारत में १९ स्थानों पर अधिवेशन आयोजित किए जाएंगे । बांग्लादेश के हिन्दुआें पर हो रहे अत्याचारों में दिन-प्रतिदिन हो रही वृद्धि को देखते हुए वहां के हिन्दुआें की सुरक्षा के विषय में इस अधिवेशन में चिंता व्यक्त की गई । बांग्लादेश का शासन वहां के हिन्दुआें की रक्षा करने में असफल रहा है । इसलिए बांग्लादेश में हिन्दुआें के लिए स्वतंत्र भूमी (homeland) निर्माण करने की वहां के हिन्दुआें की मांग का सर्व संगठनों ने एकमत से अनुमोदन किया ।
हिन्दुत्वनिष्ठों का नि:शुल्क कानूनी मार्गदर्शन करेंगे !
राष्ट्र और धर्म जागृति का कार्य करनेवाले हिन्दुत्वनिष्ठों को बार-बार कानूनी समस्याआें का सामना करना पडता है तथा पुलिस और प्रशासन भी उनके कार्य में बार-बार बाधाएं निर्माण करता है । इसे दूर करने के लिए हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता सदस्य माह में दो बार हिन्दुत्वनिष्ठों का नि:शुल्क कानूनी मार्गदर्शन करेंगे । साथ ही राष्ट्र और धर्म कार्य हेतु विविध हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त की गई जानकारी और न्यायालयीन आदेश एकत्र कर लीगल डाटा बैंक बनाई जाएगी । आगे यह जानकारी राष्ट्र और धर्म कार्य हेतु हिन्दुत्वनिष्ठों को उपलब्ध कराई जाएगी ।
हिन्दुआें को संगठित करने हेतु ४१ प्रांतीय अधिवेशनों का आयोजन करेंगे !
हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में अधिकाधिक हिन्दुआें को सहभागी करने हेतु अगले वर्ष देशभर में ४१ प्रांतीय हिन्दू अधिवेशनों का आयोजन करने का निश्चय हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया है । इनमें से ३२ अधिवेशन प्रांतीय स्तर पर, जबकि ९ राज्यस्तर पर आयोजित किए जाएंगे ।
पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में अनुमोदित प्रस्ताव
१. विश्वकल्याण हेतु भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए वैध मार्ग से जो भी प्रयत्न करने आवश्यक हैं, यह अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन वह सब प्रयास करेगा । भारतीय संसद देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करे ।
२. नेपाल हिन्दू राष्ट्र घोषित हो, इसके लिए प्रयत्न करनेवाले वहां के हिन्दुआें का यह अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन नैतिक, राजनीतिक और सर्व प्रकार का समर्थन करता है । नेपाल की संसद धर्मनिरपेक्ष संविधान रद्द कर नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र घोषित करे ।
३. केंद्रशासन संपूर्ण देश में गोहत्या प्रतिबंधक कानून तत्काल लागू करे और उसका कठोरतापूर्वक पालन किया जाए ।
४. श्रीलंका और बांग्लादेश के हिन्दुआें पर हो रहे अत्याचारों की जांच अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और भारत शासन द्वारा की जाए । बांग्लादेश का शासन वहां के हिन्दुआें की रक्षा करने में असफल रहा है । इसलिए बांग्लादेश में हिन्दुआें के लिए स्वतंत्र भूमी (homeland) निर्माण की जाए ।
५. विस्थापित कश्मीरी हिन्दुआें का पुनः जम्मू-कश्मीर में पुनर्वास किया जाए ।
६. श्रीराम सेना के संस्थापक श्री. प्रमोद मुतालिकजी के गोवा राज्य में प्रवेश पर लगे अन्यायकारी प्रतिबंध का अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन निषेध करता है ।
७. नास्तिकतावादियों की हत्याआें के प्रकरण में जांच संस्थाआें द्वारा किया जा रहा सनातन संस्था के निर्दोष साधकों का शोषण न हो, इसके लिए केंद्रशासन सक्रियता दिखाए !
८. केंद्रशासन द्वारा विश्वविद्यालयों के परिसर में राष्ट्रविरोधी उपक्रम चलाने पर प्रतिबंध लगाया जाए तथा इन उपक्रमों में सहभागी छात्रों पर तत्काल कार्यवाही की जाए ।