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संत एवं संस्कृति की रक्षा के लिए मैदान में उतरें – साध्वी तरुणा बहेन, धर्मप्रचारक, पूज्यपाद संतश्री आसारामजी आश्रम

अखिल भारतिय हिन्दु अधिवेशन के चौथे दिन का सत्र – ‘‘हिन्दु राष्ट्र की स्थापना’’ !

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साध्वी तरुणा बहेन, धर्मप्रचारक, पूज्यपाद संतश्री आसारामजी आश्रम

रामनाथी (गोवा) –  पूज्यपाद संतश्री आसारामजी आश्रम की साध्वी तरुणा बहेनजी ने अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के चतुर्थ दिन को यहां उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठोंको मार्गदर्शन करते हुए कहा, संतों का बडी संख्या में होना, यह भारत की विशेषता एवं गौरव का विषय है; परंतु आज जीवन की उन्नति का मार्ग दिखानेवाले संतोंपर हिन्दुआें द्वारा ही झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं । पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापूपर झूठे आरोप लगाकर ३ वर्ष बीत गए । अबतक उनपर लगाया गया एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ, अपितु उन्हें कोई भी सहुलियत नहीं दी गई । निरपराध लोगों के हत्या करनेवाले सलमान खान के अभियोग की शीघ्र सुनवाई होती है; परंतु संतोंपर झूठे आरोप लगाकर उन को कारागृह में बंद कर रखा जाता है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है । चित्रपटों में भी हिन्दु संतों को दोषी ठहराया जाता है । संत एवं संस्कृति की रक्षा हेतु हमें सिद्ध होना चाहिए ।

महाभारत के काल में तो केवल एक ही धृतराष्ट्र था; परंतु आज के समाज में अनेक धृतराष्ट्र होने से समाज अंधा होता जा रहा है । न्यायसंस्थाआें में अनेक कमीयां होने के कारण हमें न्याय मिलने की अपेक्षा नहीं है; इसीलिए संत एवं संस्कृति की रक्षा के लिए अब मैदान में उतरने का समय आ गया है ।

तरुणा बहेन का क्षात्रतेजयुक्त आह्वान

यदि कुरआन पढकर मुसलमान अत्याचार कर सकते हैं, तो भगवद्गीता पढकर हम अन्याय का प्रतिकार क्यों नहीं कर सकतें ?

अब हम ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’ का जयघोष केवल शाब्दिकदृष्टि से नहीं करेंगे, अपितु उसे हम प्रत्यक्ष आचरण में ही लाकर दिखाएंगे ।

जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’ पूरे भारत का घोष बनना चाहिए ।

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