हिन्दुओं को ‘हिन्दू राष्ट्र’ के संकल्पना की जानकारी देते समय आधुनिकता के नाम पर आधुनिकतावादी, ‘बामसेफ’, संभाजी ब्रिगेड समान अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग सक्रिय संगठन अडचनें उत्पन्न करते हैं । हिन्दुओं की रामनवमी के अवसर पर वे ‘वानरसेना ने लिखना-पढना कौनसे विद्यालय में पढा ?’ एक ऐसा संदेश भेज कर हिन्दू विद्यार्थियों को भ्रमित करते हैं । अतः उनका विषैला प्रचार रोकने हेतु हमें धर्मशिक्षा, राष्ट्रप्रेम सिखानेवाले ग्रंथ, ‘सनातन प्रभात’ इत्यादि के माध्यम से जनजागृति करना अत्यावश्यक है । पुणे के अधिवक्ता श्री. देवदास शिंदे ने ऐसा मार्गदर्शन किया ।
अधिवक्ता श्री. शिंदे ने कहा कि,
१. मेकाॅलेकृत शिक्षापद्धति के कारण आज एम.पी.एस.सी एवं यु.पी.एस.सी.द्वारा संस्थानिक स्थापित किए जा रहे हैं ।
२. इस शिक्षा में क्रांतिकारी भगतसिंह को अतिरेकी एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के विरुद्ध अपशब्द प्रयुक्त किए जाते हैं ।
३. मूलनिवासियों के आंदोलन के माध्यम से ‘बामसेफ’ समान संगठन पूरे देश में विविध नामों से सक्रिय होकर वे हिन्दुओं में अंतर उत्पन्न कर रहे हैं ।
४. कन्हैयाकुमार समान अपप्रवृत्तियों को अकारण बडप्पन दिया जाता है ।
५. इसलिए हिन्दुओं को हिन्दू जनजागृति समिति के धर्माfशक्षावर्ग में जाना चाहिए ।
६. हकिकत राय समान राष्ट्रप्रेमियों के ग्रंथों का पठन करना चाहिए ।
७. आत्मबल बढाने हेतु साधना भी करनी चाहिए ।
इस सत्र में कुछ सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस द्वारा ‘तथाकथित हिन्दुत्ववादियों की अपप्रवृत्तियों के कारण होनेवाली हिन्दुुत्व की हानि एवं उसे रोकने की आवश्यकता’ एवं हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे द्वारा‘ हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने की दिशा’ इस विषय के संदर्भ में मार्गदर्शन किया गया ।