रामनाथी (गोवा) – हिन्दुत्व पर विविध माध्यमों से आघात हो रहे हैं । संतों को प्रताडित किया जा रहा है । देशविरोधी व धर्मविरोधी षड्यंत्रकारियों ने इन्हें घेर लिया है । देशभर के हिन्दू संतों का संगठित न होना इसका मुख्य कारण है । इसे परिवर्तित करने हेतु देश के संत समाज को एक सूत्र में पिरोना होगा । हिन्दू समाज को एक अभेद्य किला बनाना होगा । इसकी नीति निर्धारित कर योजनाबद्ध पद्धति से अविरत कार्य करना होगा । ऐसा मार्गदर्शन छत्तीसगढ गोसेवा आयोग के संरक्षक प.पू. श्रीराम बालकदासजी महात्यागी महाराज ने यहां हो रहे पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के चतुर्थ दिवस में किया । इससे पूर्व हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने प.पू. महाराजजी का सम्मान किया ।
महराजजी ने आगे कहा,
१. हिन्दुआें का राजनीतिक दमन और सांस्कृतिक शोषण हो रहा है । प्रतिदिन कल्पना से परे आघात किए जा रहे हैं । आज षड्यंत्रकारी सुरक्षित हैं और हिन्दुत्वनिष्ठ कारावास में हैं । योगऋषि रामदेवबाबा, स्वामी नित्यानंद, पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू आदि के विरुद्ध यही हुआ है ।
२. देश के संत संगठित नहीं हैं; इसलिए आघात हो रहे हैं । संत समाज संगठित हो जाए, तो विजय सदैव हमारी ही होगी । संत विरक्त हों, तब भी समाज के अंग हैं । राष्ट्र, धर्म और समाज के रक्षणार्थ मार्गदर्शन करना, संतों का कार्य है । अतः संतों का संगठित होकर कार्य करना आवश्यक है ।
३. केवल लाखों लोगों के सडक पर उतरने से , शक्ति प्रदर्शन करने से, आंदोलन करने से गोहत्या बंद नहीं होती, यह आज तक का अनुभव है ।
४. देश के संत, बुद्धिजीवी लोगों को संगठित होना होगा । संतों को एक सूत्र में पिरोना होगा । संकल्प पूर्वक कार्य करने पर ईश्वर अवश्य सहायता करेंगे ।
५. सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक क्षेत्रों में परतंत्र हाते हुए भी हमें नहीं लगता कि देश परतंत्र है । भारत के लोग संस्कृतिनिष्ठ बन जाए, तो हमारा हिन्दू समाज किसी प्रलोभन में नहीं आएगा और एक अभेद्य किला बन जाएगा । इस किले में घुसने का साहस षड्यंत्रकारी नहीं करेंगे ।
६. हिन्दू राष्ट्र के लिए दृढता, एकनिष्ठा और समर्पित वृत्ति से कार्य करें । हम संगठित रहेंगे, तो अधर्मी शक्ति सिर नहीं उठा पाएगी ।
प.पू. बालकदासजी महाराज का हिन्दू जनजागृति समिति से स्नेह !
प.पू. श्रीराम बालकदासजी महात्यागी महाराज ने कहा, हिन्दू जनजागृति समिति मेरे परिवार समान है । यहां मार्गदर्शन नहीं, चर्चा करने आया हूं ।
हिन्दू जनजागृति समिति और सनातन संस्था समान कार्य करें !
उन्होंने कहा हमें दुष्प्रवृत्ति से नहीं, निष्क्रियता से भय है । हिन्दू जनजागृति समिति व सनातन संस्था जैसे अनेक संगठन आगे आकर संतों को एकत्रित करने की कार्ययोजना बनाएं ।