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नेपाल को पुन: हिन्दू राष्ट्र घोषित करने हेतु मोदी सरकार पहल करे !

पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन का सफलतापूर्वक समापन !

बार्इं आेरसे श्री. रमेश शिंदे, श्री. टी. राजासिंह, श्री. माधव भट्टराई, प्रा. रामेश्‍वर मिश्र, अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर

पणजी – भारत में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर चल रहा अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण और हिन्दुआें पर हो रहे अन्याय देखते हुए; मोदी सरकार, नेपाल का धर्मनिरपेक्ष संविधान रद्द करवाए तथा नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की पहल करे, ऐसी मांग पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन द्वारा की गई । नेपाल की वर्तमान सरकार का भारत से बंधुभाव समाप्त हो रहा है, जिसका लाभ उठाने के लिए चीन आतुर है । नेपाल में चीन का बढता प्रभाव भारत की सुरक्षा की दृष्टि से हितकारी नहीं; इसलिए उसमें समय रहते हस्तक्षेप कर नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाया जाए, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने किया । १९ जून से रामनाथी, गोवा स्थित श्री रामनाथ देवस्थान सभागृह में चले रहे सात दिवसीय पंचम ‘अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन’ के समापन की पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे । इस समय व्यासपीठ पर तेलंगाना से भाजपा विधायक टी. राजासिंह; राष्ट्रीय धर्मसभा नेपाल के अध्यक्ष श्री. माधव भट्टराई; वाराणसी के हिन्दू विद्या केंद्र के संचालक प्रा. रामेश्‍वर मिश्र और हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर उपस्थित थे ।

इस अधिवेशन के दूसरे चरण ‘हिन्दू राष्ट्र संगठक’ अधिवेशन में हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताआें को कुशल संगठक के रूप में तैयार करने के लिए विविध उपक्रमों का नियोजन किया गया ।

समान कार्ययोजना के अंतर्गत देशभर में आंदोलन, धर्मजागृति सभा, प्रदर्शनी इनका आयोजन करेंगे !

अधिवेशन में सहभागी हिन्दुत्वनिष्ठों ने समान कार्य योजना के अंतर्गत हिन्दू-संगठन, धर्मरक्षा और धर्मजागृति के उद्देश्य से विविध उपक्रम आयोजित करने का निश्‍चय किया है । इस कार्ययोजना के अंतर्गत धर्म और राष्ट्र पर हो रहे आघातों के विरुद्ध विविध राज्यों में प्रत्येक माह ८७ स्थानों पर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन करने का, जबकि ५३ स्थानों पर प्रशासन को निवेदन देने का निश्‍चय किया है । साथ ही आगामी वर्ष में १५८ हिन्दू धर्मजागृति सभा, हिन्दुआें को धर्मशिक्षित करने हेतु १३६ स्थानों पर प्रत्येक सप्ताह में धर्मशिक्षावर्ग और ९३ स्थानों पर स्वरक्षा प्रशिक्षणवर्ग लेने का निश्‍चय किया गया ।

स्वदेशी का प्रसार, ‘सोशल मीडिया’ का उपयोग, पश्‍चिमी प्रथाआें का विरोध, लव जिहाद का प्रत्युत्तर, धर्मांतरण का विरोध, गोरक्षा एवं गोसंवर्धन, बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या पर उपाय, कश्मीर में हिन्दुआें का पुनर्वास तथा पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका आदि देशों के पीडित हिन्दुआें की सुरक्षा के उपाय आदि विषयों पर इस अधिवेशन में विचारमंथन किया गया ।

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