रामनाथी (गोवा) – पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के अंतिम दिन के समापन सत्र में काठमांडू (नेपाल) के सनातन हिन्दू मोर्चे के अध्यक्ष डॉ. माधव भट्टराय बोले, यूरोपीय लोगों के प्रभाव में आकर नेपाली हिन्दू संस्कृति नष्ट करने के लिए नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया । धर्मनिरपेक्ष नेपाल ऐसा घोषित कर हिन्दू राष्ट्र की मांग करनेवाले नेपाली हिन्दुआें की आंखों में धूल फेंकने के लिए संविधान में हम सनातन हिन्दू धर्म की रक्षा करेंगे ऐसा वाक्य लिखा गया है । यह विरोधाभास और शुद्ध फंसाया गया है; क्योंकि जब नेपाल में संविधान के विषय में जनमत लिया गया था, तब ८५ प्रतिशत से अधिक नेपाली जनता ने नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने हेतु मत दिया था; परंतु इन मतों की अनदेखी करते हुए नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया । नेपाल की संसद में दो तिहाई प्रतिनिधि साम्यवादी हैं । इस साम्यवादी संसद के प्रभाव में हिन्दू असुरक्षित हैं । इसलिए नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने का आंदोलन हम प्रारंभ ही रखेंगे तथा आनेवाले दो वर्षों के भीतर ही नेपाल को पुनश्च हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे । यह हिन्दू राष्ट्र केवल शाब्दिक नहीं अपितु हिन्दू राष्ट्र में सनातन हिन्दू धर्मानुसार चलनेवाली शासनप्रणाली ही अपेक्षित है ।
मान्यवरों का सत्कार
१. हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने काठमांडू (नेपाल) के सनातन हिन्दू मोर्चे के अध्यक्ष डॉ. माधव भट्टराय को पुष्पहार अर्पण कर तथा भेंटवस्तु देकर सत्कार किया ।