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गीर की गायों के मूत्र में मिला सोना, संशोधकोंने कहा, गोमूत्र से हो सकता है कई बीमारियों का उपचार !

इस समाचार से गोमाता का कितना महत्व है यह ध्यान में आता है ! अब सरकारने गोरक्षा के लिए सक्त कानून बनाकर गोसंवर्धन करना चाहिए, एेसी हिन्दुआेंकी अपेक्षा है – सम्पादक, हिन्दूजागृति

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मुंबर्इ – गुजरात के गीर की गायों के मूत्र में सोना मिला है। चार वर्ष के संशोधन के बाद, जूनागढ कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गीर की गायों के मूत्र में सोना होने का पता लगाया है। विश्वविद्यालय की खाद्य परीषण प्रयोगशाला में गीर की ४०० गायों के मूत्र के नमूनों की जांच में एक लिटर मूत्र में ३ मिलीग्राम से लेकर १० मिलीग्राम तक सोना पाया गया है। मूत्र में सोना आयनों के रूप में पाया गया है जो कि पानी में घुले स्‍वर्ण लवण हैं। विश्वविद्यालय के बायोटेक्‍नोलाॅजी विभाग के प्रमुख डॉ. बीए गाेलकिया के नेतृत्‍व में संशोधकों की टीम ने गैस क्रिप्‍टाग्राफी-मास स्‍पेक्‍ट्रोमेट्री (GS-MS) का प्रयोग गोमूत्र के परीक्षण के लिए किया।

गो‍लकिया ने बताया कि, मूत्र से रासायनिक प्रक्रिया के जरिए सोना निकाला जा सकता है। उन्‍होंने कहा, ‘अभी तक हमने शास्‍त्रों में ही गोमूत्र में सोना मौजूद होने के बारे में पढ़ा था। चूंकि इसे सिद्ध करने के लिए कोई वैज्ञानिक विश्लेषण नहीं था, इसलिए हमने गोमूत्र पर संशोधन करने का विचार किया । हमने गोमूत्र के ४०० नमूनों की जांचे और उनमें सोने के निशान मिले हैं।’

संशोधकोंने ऊंट, भैंस, भेड और बकरियों के मूत्र की भी जांच की, किंतु उनमें कोई एंटी-बॉयटिक तत्‍व नहीं मिला। गो‍लकिया के अनुसार, गीर की गायों के मूत्र में मिले ५१०० यौगिकों में से ३८८ में कई चिकित्‍सीय गुण मिले हैं।

स्त्रोत : जनसत्ता

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