इस्तान्बुल – तीन आत्मघाती आक्रमणवरों ने इस्तान्बुल के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवार्इअड्डे पर मंगलवार को अंधाधुंध गोलिबारी कर आक्रमण किया। इसके बाद उन्होंने खुद को भी उडा लिया। इस आक्रमण में ३६ लोग मौके पर ही मारे गए और १५० के आसपास लोग जख्मी हुए हैं। तुर्की के प्रधानमंत्री का कहना है कि, यह आक्रमण इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने किया है। एक आक्रमणवर ने डिपार्चर हॉल में ऑटोमैटिक राइफल से अंधाधुंध गोलिबारी की।
इस आक्रमण के चश्मदीद अधिकारियों का कहना है कि, जब वहां से पैसेंजर्स ने भागने का प्रयास किया तो तीनों ने खुद को बम से उडा लिया। यह आक्रमण यूरोप के तीसरे सबसे व्यस्त हवार्इअड्डे पर हुआ है। इससे पहले भी तुर्की में घातक आक्रमण हुए हैं। पड़ोसी सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध के कारण तुर्की भी आईएस के संदिग्ध आतंकियों की जद में है। दक्षिण-पूर्वी तुर्की कुर्दिश विद्रोहियों की चपेट में है।
तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दिरिम ने हवार्इअड्डे पर रिपोर्टरों से कहा, ‘यह आक्रमण इस्लामिक स्टेट ने किया है।’ मारे गए ज्यादातर लोगो टर्किश नागरिक हैं लेकिन इसमें दूसरे देशों के भी नागरिक शामिल हैं। जब आक्रमण हुआ तब अराइवल्स हॉल में एक गेस्ट की प्रतिक्षा कर रहे अली टेकिन ने बताया, ‘यह खतरनाक धमाका था। भयानक शोर हुआ। छत गिर गई। हवार्इअड्डे के भीतर जो नुकसान हुआ है उसकी हम कल्पना नहीं कर सकते।’
दुयगु नाम की एक महिला पासपोर्ट कंट्रोल के पास खड़ी थीं। वह जर्मनी की हैं। उन्होंने कहा कि धमाके के शोर से वह फ्लोर पर गिर गईं। कुछ चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने आक्रमण से पहले ओपन फायरिंग की आवाज सुनी थी। दुयगु ने कहा, ‘हर कोई भाग रहा था। हवार्इअड्डे के चारों तरफ खून और शवों के हिस्से बिखरे पड़े थे।
बता दें कि, मार्च महीने में ब्रसल्ज हवार्इअड्डे में जिस तरह का आक्रमण हुआ था उससे मिलता जुलता यह आक्रमण है। ब्रसल्ज हवार्इअड्डे पर आक्रमण में १६ लोग मारे गए थे।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स