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केवल हिन्दुओं के मंदिर ही विकास में कैसे बाधा बनते हैं ?
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अन्य धर्मियों के श्रद्धास्थानों के विषय में सभी राज्यकर्ता अपनी पूंछ डालते हैं !
विजयवाडा : यहां के प्रकाशम बांध के निकट स्थित प्राचीन विजयेश्वर स्वामी मंदिर को गिराने का प्रयास सत्ताधारी तेलुगू देसम दल के शासनद्वारा चालू किए जाने के कारण हिन्दुओं में क्रोध की लहर फैली है !
अनेक संत एवं हिन्दु श्रद्धालुओं ने रैलीयां निकालकर अपना विरोध प्रकट किया है। इसके पहले भी सेन्ट्रल रोडपर स्थित विनायक मंदिर को गिराया जाएगा, ऐसा कहा जा रहा था। हिन्दु धर्म परिरक्षा समिति एवं बेपारियों ने मंदिर गिराने के विरोध में एक दिन के बंद का पालन किया है।
वीर अर्जुन ने विजयेश्वर मंदिर की स्थापना की है, ऐसा प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख है।
इस मंदिर को गिराने के विरोध में विश्व हिन्दु परिषद के तत्त्वावधान में ३ जुलाई को ३५२ मठाधिपति एवं पिठाधिश एक प्रचंड रैली में सम्मिलित होनेवाले हैं। (मंदिर की रक्षा हेतु नेतृत्व करनेवाले विहिंप का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) आज आए दिन इस मंदिर में संकीर्तन एवं यज्ञ आरंभ किया गया है।
शासन की ओर से तेलुगू देसम के शहर सचिव श्री. गणने वेंकट नारायण प्रसाद ने कहा कि, उनका दल हिन्दुओं की भावनाओं को आहत नहीं करेगा। विकास के लिए कुछ कदम उठाने पडते हैं। साथ ही कुछ ही दिनों में कृष्ण पुष्करम महोत्सव होनेवाला है। उसकी सिद्धता की जा रही है।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात