यांगून : बौद्धों की भीड ने उत्तरी म्यांमार के एक गांव में शनिवार को मस्जिद में आग लगा दी। आग के कारण मस्जिद नष्ट हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि, इस घटना के बाद गांव में १०० पुलिसों की तैनाती की गई है। म्यांमार में मुसलमानों के प्रति बढते द्वेष की कडी में यह सप्ताह भर में दूसरा आक्रमण है। इस दक्षिणी एशियाई राष्ट्र में मुसलमानों के विरुध्द यहां के स्थानीय लोगों में हिंसक आक्रमकता में बढोतरी हुई है।
सरकारी मीडिया ग्लोबल लाइट ऑफ म्यांमार का कहना है कि, काचिन राज्य सुरक्षा बलों के ह्पाकांत में शुक्रवार को आक्रमणवरों को रोकने में नाकाम रहे।
मस्जिद से जुडे नेता ३० जून की समयसीमा का पालन करने में नाकाम रहे। स्थानीय अधिकारी ने मस्जिद को तोडने के लिए कहा था क्योंकि यह पुल निर्माण के रास्ते में थी। २३ जून को भीड ने एक मस्जिद को तोडा था। भीड ने मुस्लिम कब्रिस्तान को भी बागो गांव में नष्ट कर दिया था। यह यांगून से ६० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जा रहा है कि, तब आपसी कलह में ऐसा किया गया था। २०१२ में हुए घातक दंगों को बाद दोनों समुदायों के बीच दरार चौडी हो गई है।
सू की सरकार ने हाल ही में निर्देश दिया था कि, रोहिंग्या शब्द का उपयोग नहीं किया जाए। वहां के लोगों को कहना है कि रोहिंग्या कहने से ऐसा लगता है कि, ये मुस्लिम म्यामांर के नागरिक हैं जबकि ये बांग्लादेशी अवैध प्रवासी हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स