पाकिस्तान का निर्माण होकर ६९ वर्ष होकर भी वहां की राजधानी में हिन्दुआेंके लिए एक भी मंदिर नहीं है, यह पाकिस्तान का हिन्दुद्वेष ही दर्शाता है ! इस विषयमें पाकिस्तान जाकर बिर्याणी खानेवाले मणिशंकर अय्यर जैसे तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेते, सुधींद्र कुलकर्णी आैर भारतीय नेता इनमें से किसी को भी ६९ वर्ष में कुछ नहीं लगा ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक संसदीय समिति ने सरकार को हिंदुओं के लिए यहां एक मंदिर और स्मशानभूमि बनाने का निर्देश दिया है। सांसद रमेश लाल ने कहा, ‘यह आश्चर्यजनक और दुखद है कि हिंदू समुदाय को पूजा के लिए इस्लामाबाद में एक भी मंदिर नहीं है !’
धार्मिक मामलों पर राष्ट्रीय सभा के एक समिती की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने यह बात कही। ‘डॉन’ समाचारपत्र के अनुसार समिती सदस्यों के लिए यह हैरान करनेवाली बात रही कि, राजधानी में हिंदू समुदाय के लिए स्मशानभूमि नहीं है।
कमिटी को बताया गया कि, इस्लामाबाद में पंजीकृत तौर पर कम से कम ५०० हिंदू रहते हैं और मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए उन्हें रावलपिंडी जाना पड़ता है !
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स