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मंगळवेढा एवं सांगोला (जनपद सोलापुर) में पुलिस एवं गोरक्षों की संयुक्तरूप से बडी कार्रवाई !
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गोवंश हत्याबंदी कानून की प्रभावशाली कार्रवाई की आवश्यकता दर्शानेवाली घटना !
मंगळवेढा (जनपद सोलापुर) : मंगळवेढा एवं सांगोला में पुलिस एवं गोरक्षकों की सतर्कता के कारण पशुवधगृह की ओर जानेवाले ११४ गोवंश के प्राण बच गए हैं !
सांगोला में रविवार के दिन पशुओं के, क्रय-विक्रय का बाजार होता है। इस बाजार से सोलापुर, साथ ही विजयपुर को बडी संख्या में गोवंश पशुवधगृह को ले जाया जाता है; परंतु शनिवार एवं रविवार के दिन पुलिस एवं गोरक्षकोंद्वारा सतर्कता दिखाई जाने से मंगळवेढा में ३ टैम्पो में ३७ और सांगोला में लगभग ८२ गोवंशों के प्राण बच गए !
४ जुलाई को सैंकडो गायें पशुवधगृह को जानेवाली है, यह जानकारी पुणे के मानद पशुकल्याण अधिकारी श्री. शिवशंकर स्वामी, शिरवळ के श्री. प्रशांत रेवडीकर, पंढरपुर के शिवप्रतिष्ठान के सर्वश्री सौरभ थिटे-पाटिल, प्रतापसिंह साळुंखे, अकलुज युवा सेना के जिलाप्रमुख श्री. स्वप्नील वाघमारे को मिली।
इस संदर्भ में सोलापुर के जिला पुलिस अधीक्षक श्री. विरेश प्रभु को तत्परता से यह जानकारी दी गई। श्री. प्रभु के आदेशानुसार सांगोला पुलिस ने गोरक्षकों की सहायता से शीघ्र ही प्रातः ५ बजे कार्रवाई कर ८२ गोवंशसहित २ पिक-अप वाहन जब्त किए। यहां से निकट ही मंगळवेढा में भी प्रातः ४.३० बजे गोरक्षक सर्वश्री प्रशांत यादव, प्रवीण भोसले, किशोर राजमाने, गणेश धोत्रे, महेश हजारे की सहायता पुलिस ने पशुवधगृह की ओर जानेवाले ३२ गोवंश पकड लिए। इन सभी गोवंशों को यहां से निकट ही गणेशवाडी एवं मोहोळ की गोशालाओं में भेजा गया।
इस समय यातायात करते समय भीड में बांधे जाने के कारण एक गाय की मृत्यु हुई थी। इस प्रकरण में संबंधितोंपर मंगळवेढा पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट किए गए हैं।
लगभग ११४ गोवंशों के प्राण बचानेवाले गोरक्षक एवं पुलिस की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है !
इस के साथ ही पुलिस बडी संख्या में हो रही तस्करी की ओर ध्यान देकर पशुवधगृह जानेवाले गोवंश को रोके, ऐसी अपेक्षा गोरक्षकोंद्वारा की जा रही है।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात