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धर्म को ग्लानि आने पर गुरु-शिष्य परंपरा ही धर्म प्रस्थापित करती है ! – श्री. अभय वर्तक, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में, भांडुप में आयोजित गुरुपुर्णिमा महोत्सव में ४८२ धर्माभिमानियों की उपस्थिति ।

गुरुपुर्णिमा महोत्सव में मार्गदर्शन करते हुए श्री. अभय वर्तक
गुरुपुर्णिमा महोत्सव में मार्गदर्शन करते हुए श्री. अभय वर्तक

मुंबई : आज विश्व में अधर्म का अंधःकार बढ रहा है एवं इस अंधकार में भारत भी घसीटा जा रहा है । ‘हिन्दू राष्ट्र’ अर्थात ‘सनातन धर्म राज्य’ स्थापित करने हेतु हर व्यक्ति को अन्याय के विरोध में कृति करनी चाहिए । जिस प्रकार गुरु-शिष्य परंपरा समाज को साधना की ओर ले जाती है । उसी प्रकार जब धर्म को ग्लानि आती है, उस समय गुरु-शिष्य परंपरा ही धर्म प्रस्थापित करती है । सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक ने ऐसा प्रतिपादित किया । १९ जुलाई को भांडुप जैनम बैंक्वेट सभागृह मे हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित गुरुपुर्णिमा महोत्सव में वे बोल रहे थे ।

इस अवसर पर हिन्दू विधिज्ञ परिषद के श्री. विक्रम भावे तथा हिन्दू जनजागृति समिति प्रणित रणरागिणी शाखा की मुंबई संगठक श्रीमती मनाली नाईक ने उपस्थित धर्माभिमानियों को मार्गदर्शन किया ।

समारोह में भक्त एवं हिन्दुत्वनिष्ठ मिल कर ५०० जिज्ञासू उपस्थित थे । मुलुंड के नगरसेवक श्री. प्रकाश गंगाधरे, विश्‍व हिन्दू परिषद के भांडुप विभाग अध्यक्ष श्री. भाऊ बागवे, उद्योजक श्री. गणेश उपाध्याय, पंचमुखी सेवा संस्था के अध्यक्ष श्री. जगन्नाथ कदम तथा शिवसेना शाखाप्रमुख श्री. उमेश माने भी उपस्थित थे ।

आरंभ में सनातन के साधक दंपति श्री. विजय एवं श्रीमती राणी सरगर के शुभहाथों गुरुपूजन किया गया । पुरोहित श्री. मयुरेश गोडबोले ने पौरोहित्य किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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