श्रीनगर/नई देही – कश्मीर में जारी हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा पेलेट गन का उपयोग किया जा रहा है। इस पेलेट गन के छर्रों से कई धर्मांध प्रदर्शनकारी बुरी तरह घायल हो गये और कई लोग ऐसे भी हैं जिनको इसकी वजह से अपनी आंख भी गंवानी पड़ी। किंतु प्रदर्शनकारियों द्वारा की जाने वाली पत्थरबाजी को रोकने के लिए तैनात लगभग २२०० से अधिक सुरक्षाकर्मियों को भी कई तरह के जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। पत्थर फेंकने वाले प्रदर्शनकारियों ने पेलेट गन का सामना करने के लिए अब एसिड बॉटल को अपना हथियार बना लिया है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘पेलेट गन का प्रयोग हमेशा नहीं होता है। जब स्थिती बहुत खराब होती हैं और हजारों की संख्या में लोग सुरक्षाबल पर आक्रमण कर उनके हथियार लूटने की कोशिश करते हैं या पोस्टबंकर को ध्वस्त करने के लिए आक्रमण करते हैं तभी पेलेट गन का प्रयोग किया जाता है।’ उन्होंने कहा कि, सुरक्षाकर्मी भी इंसान ही होते हैं। उन्हें प्रदर्शनकारियों द्वारा किये जाने वाले हमले के डर से पेलेट गन का उपयोग करना पड़ता है।
पिछले दो हफ्तों में जब से हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की हत्या हुई है तब से घाटी में सुरक्षाबलों को तकरीबन 600 हमलों का सामना करना पड़ा है। 15 ऐसी घटना हुई हैं जिन में प्रदर्शनकरियों ने पुलिस थानों और चौकियों पर आक्रमण कर के सेना के बंकरों को ध्वस्त कर दिया और उनके हथियार भी लूट लिये। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक हिंसा में थोड़ी कमी आने पर सेना को अधिकतम संयम बरतने के आदेश दिए गये हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स