इतनी बडी संख्या में हिन्दुओं का पलायन होकर भी भारत के एक भी राजनितिक दल ने तथा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने इसके विरोध में कुछ भी नहीं किया, यह हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद !
ढाका : विगत ४९ वर्षों में धार्मिक अत्याचार और भेदभाव से त्रस्त होकर बांग्लादेश से लगभग १ करोड १० लाख हिन्दु विस्थापित हुए हैं। यह चौंका देनेवाली जानकारी बांग्लादेश के विख्यात अर्थविशेषज्ञ डॉ. अबुल बरकत ने ‘बांग्लादेश की सांतवीं पंचवर्षीय योजना : २०१६-२०२०’ इस विषयपर भाषण देते हुए कही। वे बांग्लादेश के राजशाही विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे।
डॉ. अबुल बरकत ने दिए हुए आंकडों से देखा जाए, तो वर्ष १९६४ से लेकर २०१३ की अवधि में प्रतिदिन ६३२ हिन्दुओं ने धार्मिक अत्याचार और भेदभाव से त्रस्त होकर बांग्लादेश से विस्थापित हुए।
डॉ. अबुल बरकत ने आगे कहा, …
१. वर्ष १९६५ में तत्कालिन पूर्व पाकिस्तान में पारित किया हुआ शत्रु संपत्ति एवं प्रविष्टीकरण कानून, साथ ही उसके आधारपर सिद्ध किया हुआ पूर्व पाकिस्तान संपत्ति कानून तथा वर्ष १९७४ का अनिवासी संपत्ति कानून के कारण बांग्लादेश के हिन्दुओं की संपत्ति के स्वामित्व के अधिकार नष्ट हुए। उसका भी परिणाम इस विस्थापन होने में हुआ।
२. बांग्लादेश के हिन्दु, आदिवासी एवं गरिबी की रेखा के नीचे होनेवाले लोक अत्यंत दयनीय स्थिति में अपना जीवनयापन कर रहे हैं। वर्तमान बांग्लादेशी शासन, सत्तारूढ अवामी लीग दल एवं प्रधानमंत्री शेख हसीना हिन्दुओं के संरक्षण एवं उनको सुविधाओं की आपूर्ति करने में संपूर्ण रूप से विफल रही हैं। ब्राह्मणबरिया जनपद के नबीनगर के हिन्दुओंपर अवामी लीग के गुंडों ने किए हुए अत्याचार इसका ठोस उदाहरण है।
३. बांग्लादेश का मार्गक्रमण इस्लामी राष्ट्र से धीरे-धीरे जिहादी राष्ट्र की ओर हो रहा है। इसिस एवं तालिबानी गुंड बांग्लादेशपर नियंत्रण करने में सफल हो रहे हैं। हिन्दु मंदिरों के पुजारी, सेवक आदि को अपनी जीवन की अनिश्चितता सता रही है। हालही में ढाका के उपहारागृहपर अल्लाहू अकबर की घोषणाएं करते हुए २०-२२ लोगों की हुई हत्याएं बांग्लादेश किस पथपर जा रहा है, यह स्पष्ट होता है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात