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नर्इ मुंबर्इ : सिडको प्रशासन हिन्दुओं की भावनाओं का अंत न देखें – हिन्दुओंद्वारा चेतावनी

सानपाडा (नई मुंबई) के हिन्दुबहुसंख्यक बस्ती में मस्जिद के भूखंड का आरक्षण १८ वर्ष से रद्द करने की मांग का प्रकरण !

• क्या सिडकोद्वारा मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्र में मंदिर को सम्मति देने का साहस दिखाया गया होता ?

• सानपाडावासियों का ‘चक्का जाम’ आंदोलन !

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हिन्दू बहुसंख्यक क्षेत्र की मस्जिद का आरक्षण हटाने हेतु आंदोलन करनेवाले सानपाडावासीय

नई मुंबई : २१ जुलाई को यहां हिन्दूओंद्वारा संगठित मोर्चा निकाला गया। इस मोर्चे में समस्त हिन्दूओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि, सानपाडा सेक्टर ८ के भूखंड क्रमांक १७ ए में हिन्दुबहुसंख्यक बस्ती में सिडको प्रशासनद्वारा पिछले १८ वर्ष से मस्जिद के लिए दिए गए भूखंड का आरक्षण हटाया जाना चाहिए। सिडको प्रशासनद्वारा मुसलमानों की चापलूसी की जा रही है। यदि सिडकोद्वारा हिन्दुओं की भावनाओं का अंत देखा गया, तो उसका उद्रेक होकर कानून एवं सुरक्षा का प्रश्‍न उत्पन्न होने की संभावना है।

पिछले १८ वर्ष से सानपाडावासीय निरंतर सिडको प्रशासन से उपरोक्त मांग कर रहे हैं; परंतु सिडको प्रशासनद्वारा इस संदर्भ में अब तक कोई निश्चित दृष्टिकोन नहीं अपनाया गया। (१८ वर्ष से मांग करने पर उसे दुर्लक्षित करनेवाले प्रशासन की आवश्यकता ही है, किस लिए ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) सिडको प्रशासन का भूखंड आरक्षण का ये गलत निर्णय हिन्दुओं के लिए एक सिरदर्द बन गया है। इस विषय में हिन्दुओं की ऐसी मांग है कि, सिडकोद्वारा न्यायालय में उचित दृष्टिकोन प्रस्तुत कर मस्जिद का आरक्षण रद्द करना चाहिए; परंतु अनेक वर्ष होकर भी सिडकोद्वारा इस विषय में निश्चित दृष्टिकोन नहीं अपनाया गया। केवल प्रशासन के कारण यह विषय संवेदनशील हो गया है, सानपाडावासियोंद्वारा ऐसा आरोप लगाया जा रहा है।

सिडको प्रशासन के बेढंगे कामकाज के विरोध में सानपाडा-तुर्भे में सैकडों संतप्त नागरिकोंद्वारा मार्ग पर आकर ‘चक्का जाम’ आंदोलन किया गया। आंदोलन के उपरांत बेलापुर के सिडको भवन पर मोर्चा ले जाया गया। सिडको के व्यवस्थापकीय संचालक श्री. भूषण गगराणी को मोर्चे के प्रतिनिधि मंडलद्वारा ज्ञापन दिया गया। (हिन्दुओ, केवल ज्ञापन देकर न रुकें, अपितु उचित कार्रवाई होने हेतु प्रशासन का पृष्ठपोषण करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) अखिल रहिवासी महासंघ की ओर से निकाले गये इस मोर्चे में अखिल सानपाडा रहिवासी महासंघ के सर्वश्री कैलास ताजणे, घनश्याम पाटे, मिलिंद सूर्यराव, संतोष पाचलग, अजय पवार, मामा महाले, सुनील चव्हाण, नगरसेवक श्री. सोमनाथ वास्कर, नगरप्रमुख श्री. विजय माने, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री. अजय मुडपे, हिन्दू जनजागृति समिति के मुंबई प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी के साथ हिन्दू महासभा, श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दूस्थान तथा सनातन संस्था आदि संगठनों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए थे।

सिडको के श्री. गगराणी को हिन्दुओंद्वारा ज्ञापन देने पर उन्होंने कहा कि, इस विषय में हम शीघ्र ही एक बैठक आयोजित कर हल ढूंढेंगे। इस समय सिडको के सहकार्यकारी संचालक श्री. राजेंद्र चव्हाण ने सानपाडावासियों की भूमिका को जान लिया। मस्जिद के आरक्षण को विरोध करने हेतु सानपाडा क्षेत्र के सभी दुकानदारों ने बंद का पालन कर आंदोलन को समर्थन दिया ।

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क्या है, यह प्रकरण ?

१. वर्ष १९९८ में सानपाडा के हिन्दू बहुसंख्यक क्षेत्र में मस्जिद के लिए भूखंड आरक्षित किया गया। यहा मुसलमान जनसंख्या अत्यल्प है तथा उनके लिए अनेक स्थान पर प्रार्थनास्थल हैं। अतः पुलिसद्वारा प्राप्त ‘ना हरकत प्रमाणपत्र’ भी संदिग्ध है। ज्ञात हुआ है कि, अब तो महानगरपालिका ने भी इस निर्माणकार्य को सम्मति देने की सिद्धता कर ली है। (मुसलमानों के त्यौहार के समय एवं मुसलमान बस्ती में हिन्दुओं को त्यौहार मनाने में अडचन उत्पन्न करनेवाली पुलिस एवं प्रशासन हिन्दू बहुसंख्यक क्षेत्र में मस्जिद हेतु सम्मति देते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

२. इस प्रकरण में यहां के हिन्दुओंद्वारा अब तक अनेक बार आवाज उठाई गई। इस संदर्भ में वर्ष २०१३ में यहां के हिन्दू रहिवासियोंद्वारा विशाल मोर्चे का आयोजन कर मस्जिद का आरक्षण हटाने की मांग की गई। तदुपरांत इस क्षेत्र के हिन्दू एवं मुसलमान रहिवासी तथा लोकप्रतिनिधि, पुलिस एवं प्रशासन की एक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में सभी की सम्मति से हिन्दू बहुसंख्यक बस्ती की अपेक्षा अन्यत्र मस्जिद के लिए भूखंड आरक्षित करने का निर्णय लिया गया; परंतु इसके पश्चात इस निर्णय को दुर्लक्षित कर मुसलमानों ने न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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