हिन्दुबहुसंख्यक भारत में दूरसंचार आस्थापनोंद्वारा हिन्दुओं के साथ पक्षपात करना क्रोधजनक है ! हिन्दुओं को ऐसी आस्थापनाओं का बहिष्कार कर उन्हें हिन्दुओं के एकता का सामर्थ्य दिखाना चाहिए !
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अल्पसंख्यकों के त्यौहार पर न्यूनतम मूल्य दर आैर अवसर आने पर आकर्षक सुविधाओं की भी बरसात !
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दूरसंचार आस्थापनों के ऐसे पक्षपात से हिन्दू संतप्त !
मुंबई : देश के सरकारी एवं गैर-सरकारी दूरसंचार आस्थापनोंद्वारा विशेष दिवस पर घोषित ‘ब्लैक आऊट डे’ (विशेष दिवस पर दूरभाष करने एवं लघुसंदेश भेजने पर लगाया जानेवाला अतिरिक्त मूल्य) का सबसे अधिक प्रहार हिन्दुओं पर ही होता है, ऐसा उजागर हुआ है !
इसके विपरीत अल्पसंख्यकों के त्यौहार के अवसर पर इसकी तुलना में केवल न्यूनतम मूल्य दर ही नहीं लगाया जाता, अपितु आकर्षक सुविधाओं की बरसात भी की जाती है। इस पक्षपात से हिन्दू संतप्त हो गए हैं। इस संदर्भ में भारतीय दूरसंचार नियामक मंडल (टेलिकॉम रेग्युलेटरी एथोरिटी ऑफ इंडिया अर्थात ट्राइ) इसमें हस्तक्षेप क्यों नहीं करता ?, ऐसा प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है। तथापि ट्राइ के अधिकृत जालस्थल पर ही सभी दूरसंचार आस्थापनों के ‘ब्लैक आऊट डे’ज की सूची प्रसारित की गई है। इसलिए जानकारों का ऐसा मत है कि मूल्य दरों की इस विषमता के विषय में ‘ट्राइ’ अनभिज्ञ है, ऐसा कहना असंभव होगा !
१. दूरसंचार आस्थापनोंद्वारा विशेष दिवस पर (उदा. गुढीपाडवा, गणेश चतुर्थी, लक्ष्मीपूजन, होली, रमजान ईद, क्रिसमस आदि) ‘ब्लैक आऊट डे’ घोषित किया जाता है।
२. त्यौहार के अवसर पर वास्तव में नागरिक अपने सगेसंबंधियों को शुभकामनाएं देने हेतु दूरभाष करते हैं अथवा लघुसंदेश भेजते हैं।
३. इस दिन दूरभाष करने एवं लघुसंदेश भेजने का प्रमाण अन्य दिनों की अपेक्षा भारी मात्रा में होता है।
४. इस का ही (अप)लाभ उठाते हुए सरकारी एवं दूरसंचार आस्थापनाओंद्वारा ‘‘ब्लैक आऊट डे’’ के नाम पर अतिरिक्त मूल्य लगाया जाता है।
५. इस दिन दूरभाष करने अर्थात व्हॉईस कॉलींग को अधिक मूल्य लगाया जाता है। इस के अतिरिक्त लघुसंदेश भेजने के लिए दुगने दाम लगाए जाते हैं।
६. तथापि अल्पसंख्यकों के त्यौहार के अवसर पर तुलनात्मक दृष्टि से न्यून मात्रा में मूल्य लगाए जाते हैं। यहां तुलनात्मक कहने का कारण यह कि, दूरसंचार आस्थापनोंद्वारा जम्मू-कश्मीर समान कुछ मुसलमान बहुसंख्यक राज्यों में ईद के दिन ‘ब्लैक आऊट डे’ घोषित किया जाता है; परंतु मुसलमानों की अधिकांश संख्यावाले बंगाल राज्य में कुछ दूरसंचार आस्थापनोंद्वारा मुसलमानों के एक भी त्यौहार के दिन ‘ब्लैक आऊट डे’ घोषित नहीं किया जाता।
७. दूरसंचार आस्थापनों के ‘ब्लैक आऊट डे’ का अभ्यास करने पर ध्यान में आएगा कि, साधारणतः कोई एक प्रांत में जिस धर्म के लोग अधिकांश हैं, वहां उनके त्यौहार के अवसर पर ‘ब्लैक आऊट डे’ लागू किया जाता है, परंतु उस प्रांत के अल्पसंख्यकों के त्यौहारों को वह लागू नहीं किया जाता। तब भी यह नियम जम्मू-कश्मीर के अल्पसंख्यक हिन्दुओं के विषय में लागू नहीं किया जाता। वहां अल्पसंख्यक होते हुए भी सभी प्रमुख दूरसंचार आस्थापनोंद्वारा दीपावली को ‘ब्लैक आऊट डे’ के रूप में घोषित किया जाता है। इसके फलस्वरूप वहां के हिन्दुओं को उस दिन दूरभाष करने एवं लघुसंदेश भेजने हेतु अतिरिक्त पैसे देने पडते है।
रमजान माह के अवसर पर बीएसएनएल की ओर से मुसलमानों पर सुविधाओं की बरसात !
अल्पसंख्यकों को प्रसन्न करने हेतु कुछ दूरसंचार आस्थापन उनके त्यौहार के अवसर पर ‘ब्लैक आऊट डे’ घोषित न कर उलटे मुसलमानों पर सुविधाओं की बरसात करने की बात उजागर हुई है। इस में भारत संचार निगम लिमिटेड अर्थात बीएसएनएल सरकारी आस्थापन आगे है !
६ जून २०१६ से चालू रमजान माह के उपलक्ष्य में बीएसएनएल की ओर से विशेष योजना घोषित की गई थी। इस योजना के अनुसार बीएस्एन्एल सीमकार्ड धारकद्वारा ७८६ रुपयों का रिचार्ज करने पर उसे ७८६ एमबी (मेगाबाईट) इंटरनेट डाटा, ७८६ लघुसंदेश एवं ६०० रुपयों का टॉकटाईम देने की विशेष योजना कार्यान्वित की गई थी।
यह सुविधा ६ जून से ६ जुलाई तक थी। (अल्पसंख्यकों के लिए ऐसी सुविधा कांग्रेस के कार्यकाल में भी कभी नहीं दी गई थी। इसे अल्पसंख्यकों की चापलूसी की सीमा ही लांघ दी ऐसे कहना होगा। इस सरकारी पक्षपात के संदर्भ में हिन्दुओं को सरकार से पूछना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
ऐसा पक्षपात करने के विरोध में, हिन्दू संतप्त !
दूरसंचार आस्थापनोंद्वारा केवल हिन्दुओं की ही चल रही इस लूट के विरोध में तीव्र प्रतिक्रियाएं व्यक्त हो रही हैं। ‘व्हॉट्स अॅप’ पर एक जागृत हिन्दू एवं एक नामांकित दूरसंचार आस्थापन के एक प्रतिनिधि के बीच एक संभाषण की ऑडियो क्लीप (ध्वनिमुद्रण) वायरल (भारी मात्रा में प्रसारित) हुई है। इस संभाषण में धर्माभिमानी हिन्दुओं ने दूरसंचार आस्थापनोंद्वारा हिन्दुओं के साथ किए जानेवाले पक्षपात के विषय में फटकार कर सदर प्रतिनिधि को निरूत्तर किया। (हिन्दुओं पर होनेवाले अन्याय के विरोध ने वैधानिक मार्ग से आवाज उठानेवाले इस ‘धर्माभिमानी हिन्दू’ की प्रशंसा करनी ही पडेंगी ! हिन्दुओं पर होनेवाले ऐसे अन्यायों के विरोध में कितने हिन्दू जागृत है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात