‘बालभारती’ कक्षा चौथी के पुस्तक में छत्रपति शिवाजी महाराज एवं अफजलखान के गले मिलने का विवादित चित्र का प्रकरण
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धर्मनिरपेक्षता के नाम पर वास्तव इतिहास दबोचने का षडयंत्र !
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पत्रकार परिषद के माध्यम से शिवप्रेमी एवं हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा चेतावनी
मुंबई : बालभारती अर्थात महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिति एवं अभ्यासक्रम संशोधन मंडलद्वारा कक्षा ४ थी के शिवछत्रपति (परिसर अभ्यास – भाग २) पुस्तक में अफजलखान वध के छायाचित्र के स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज अफजलखान को गले मिलने जा रहे हैं, ऐसा भ्रमित करनेवाला छायाचित्र प्रकाशित किया गया है !
इस विवादित चित्र को बदल कर पुस्तक में छत्रपति शिवाजी महाराज के ऐतिहासिक पराक्रम का अर्थात अफजलखान वध के छायाचित्र को अंतर्भूत करें। यदि आनेवाले ७ दिनों के अंदर इस विषय मे कुछ कार्रवाई नहीं की गई, तो पूरे राज्य में तीव्र आंदोलन छेडा जाएगा, शिवप्रेमी एवं हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंद्वारा पत्रकार परिषद मे ऐसी चेतावनी दी गई। (अल्पसंख्यकों की चापलूसी के लिए बहुसंख्यकों का जाज्वल्य इतिहास दबोचनेवाला विश्व का एकमात्र देश, भारत ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
मुंबई मराठी पत्रकार संघ में आयोजित पत्रकार परिषद में सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक, हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता डॉ. उदय धुरी, रायगढ संवर्धन प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री. राजेंद्र सावंत, श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के मुंबई समन्वयक श्री. बळवंतराव दळवी, श्री शिवकार्य प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री. प्रभाकर भोसले आदि उपस्थित थे।
पत्रकार परिषद में मान्यवरोंद्वारा व्यक्त किया गया मतप्रदर्शन ….
त्रूटिपूर्ण इतिहास के विरोध में शिवप्रतिष्ठान संपूर्ण सामर्थ्य के साथ खडा रहेगा ! – श्री. बळवंतराव दळवी, शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान
यदि छत्रपति शिवाजी महाराज के बाएं हाथ में बाघनख थे, तो महाराज भेंट देने कैसे जाएंगे ? धर्मनिरपेक्ष संगठन महाराज के इतिहास में हस्तक्षेप क्यों करते हैं ? आज छात्रों तक त्रूटिपूर्ण इतिहास पहुंचाया जा रहा है। इसके विरोध में शिवप्रतिष्ठान पूरे सामर्थ्य के साथ खडा रहेगा !
छत्रपति शिवाजी महाराज के अवमान का षड्यंत्र किसकी चापलूसी के लिए चल रहा है ? – श्री. राजेंद्र सावंत, रायगढ संवर्धन प्रतिष्ठान
छत्रपति शिवाजी महाराज का अवमान एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र ही है। यह किस की चापलूसी के लिए चालू है ? छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेकर सरकार सत्ता में आई है। हमारे भावनाओं का विचार कौन करेगा ? सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संस्थाओं के नेतृत्व के कारण ही ऐसे प्रकरणों की प्रविष्टि की जाती है।
आंदोलन को पूरा समर्थन – श्री. प्रभाकर भोसले, शिवकार्य प्रतिष्ठान, विक्रोळी
शिवाजी महाराज का खरा इतिहास ज्ञात होता, तो महिलाओं पर होनेवाले अत्याचार रूके होते। आज इतिहास को बदसूरत किया गया है। सभी शिवप्रेमियोंद्वारा आरंभ किए गए आंदोलन को हमारा पूरा समर्थन है।
पाठयपुस्तक के छायाचित्रों से बालकों पर चूक संस्कार हो रहे हैं ! – श्री. अभय वर्तक, प्रवक्ता, सनातन संस्था
छत्रपति शिवाजी महाराज हिन्दवी स्वराज के संस्थापक हैं। उनके हम पर उपकार हैं, इसलिए हम हिन्दू हैं; परंतु आज उन्हें ‘धर्मनिरपेक्ष’ सिद्ध किया जा रहा है। पाठयपुस्तक में स्थित, छायाचित्रों से बालकों पर गलत संस्कार हो रहे हैं।
अफजलखान का कोथला निकालनेवाला छत्रपति शिवाजी महाराज का छायाचित्र मंत्रालय में लगाना चाहिए। यदि भारत में रहना है, तो छत्रपति शिवाजी महाराज को अभिवादन करना ही पडेगा ! शिवचरित्र में कोथला निकालने का प्रसंग है, गले लगाने का नहीं है, यह ध्यान में लेना चाहिए।
हिन्दुत्वनिष्ठ सरकार को चाहिए कि, वह छत्रपति शिवाजी महाराज को अपेक्षित आचरण करें ! – डॉ. उदय धुरी, हिन्दू जनजागृति समिति
छत्रपति शिवाजी महाराज के संदर्भ में हमें पत्रकार परिषद आयोजित करना पडे, यह हमारा दुर्भाग्य है !
वे राष्ट्र के मानबिंदू हैं। इसलिए उनका अवमान करनेवाली इस पाठयपुस्तक को तत्परता से हटा कर इतिहासद्रोहियों पर कार्रवाई करे। हिन्दुत्वनिष्ठ सरकार को चाहिए कि, वह महाराज को अपेक्षित आचरण करें !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात