नई देहली : उगम रावल राजस्थान के लाटाडा गांव में कपडे का एक छोटा कारोबार चलाने वाले पुरूषोत्तम रावल की पत्नी हैं । इनका इकलौता बेटा है संदीप । उगम रावल का मानना है कि, विवादित इस्लामी प्रचारक डॉक्टर जाकिर नाईक की तकरीरें सुनकर संदीप ने अपना धर्म बदल लिया और अब अपने मां-पिता के साथ नहीं रहता । संदीप ने अपना नाम बदलकर अब्दुल रहमान कर लिया है । इन्हें नहीं पता कि बीते सालभर से इनका बेटा कहां है ।
वर्ष २००५ में पुरूषोत्तम रावल ने बेटे संदीप को अपने एक दोस्त की कंप्यूटर हार्डवेअर की दुकान में काम करने के लिये बैंगलुरू भेजा । वो बैंगलुरू में कमाता था और अपने मां-पिता को पैसा भिजवाता था । सब कुछ ठीक चल रहा था परंतु इस बीच उसकी मित्रता इस्लामी धर्म प्रचारक जाकिर नाईक के अनुयायी हुई ।
पुरूषोत्तम रावल के अनुसार, जाकिर नाईक के वीडियो के माध्यम से धर्म परिवर्तन करवाने वालों में सबसे प्रमुख एस.पी. रोड पर कंप्यूटर की दुकान चलाने वाला इमरान नाम का युवक था । इमरान संदीप को जाकिर नाईक के वीडियो दिखाता और संदीप को समझाने का प्रयास करता था कि, किस तरह से उसका धर्म संदीप के धर्म से बेहतर है ।
इस बीच संदीप के मां-पिता ने सूरत की एक लडकी से उसका विवाह करवा दीया । संदीप तब तक जाकिर नाईक की तकरीरों से पूरी तरह प्रभावित हो चुका था और उसने इस्लाम धर्म अपना लिया । इस बात की जानकारी संदीप के मां-पिता को तब मिली जब संदीप की पत्नी ने अपने पिता से शिकायत की कि, संदीप उसे भी धर्म बदलने के लिये प्रताडित कर रहा है । ये सुनकर संदीप के पिता पुरूषोत्तम को दिल का दौरा पड गया ।
संदीप के धर्म बदलने के बाद उसकी पत्नी उसे छोडकर चली गई और फिर संदीप ने एक मुस्लिम लडकी से विवाह किया जिससे उसे २ बच्चे है । वो बैंगलुरू के ही जे.सी. नगर क्षेत्र में किराये के घर में रहने लगा ।
पिछले वर्ष जुलाई में संदीप ने अपने पिता को फोन करके बताया कि, वो गांव आकर सारे रिश्तेदारों के बीच इस्लाम का प्रचार करना चाहता है और उनका धर्म परिवर्तन करवाना चाहता है । संदीप के पिता ने इसे बेटे को घर वापस बुलाने का एक अवसर समझा और उसकी बात का तब विरोध नहीं किया । संदीप जब घर वापस लौटा तो उसे डरा धमाकाया गया, समझा बुझाया गया और तमाम तरीके अपनाये गये ताकि वो फिर से हिंदू धर्म अपना ले । दबाव में आकर संदीप ने शपथ पत्र दे दिया कि, वो हिंदू बन चुका है ।
कागज पर संदीप ने स्वयं को हिंदू बताया हो, परंतु उसने स्वयं को हिंदू मानने से इनकार कर दिया । वो अपने मां-बाप से भी हिंदू धर्म छोडने की जिद करने लगा, घर में पूजा पाठ किया जाना और देवी देवताओं की चित्र लगाना उसे मंजूर नही था । मां के पहनावे पर भी उसे आपत्ति थी । संदीप ने जब देखा कि, उसके मां-पिता किसी भी हाल में धर्म बदलने को तैयार नहीं हैं तो एक दिन वो घर छोडकर चला गया । उसका पता न मिल सके इसलिये उसने अपने मोबाइल का सिमकार्ड भी तोड दिया ।
अपने बेटे को वापस पाने के लिए संदीप के घरवालों ने पुलिस के पास झुठी शिकायत दर्ज करवाई कि, संदीप घर से भागते समय ४५ हजार रूपये भी साथ ले गया ।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, उसने इस मामले में जांच की है और संदीप बैंगलुरू में ही है परंतु पुलिस कानूनन उसे वापस नहीं ला सकती ।
संदीप ने पासपोर्ट बनाते समय दिये पते पर मालूम पडा कि, संदीप इस घर में किराए पर रहता था और कुछ वर्ष पहले ही ये घर छोडकर जा चुका है । मकान मालकिन ने बताया कि, वो सऊदी अरब जाना चाहता था ।
इस सबके बीच संदीप के मां-पिता को अब अकेलेपन में अपना बुढापा गुजारना पड रहा है ।
स्त्रोत : एबीपी न्यूज