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समितिके ‘वेबसाईट’पर प्रतिबंध : हिदुओंकी बुलंद आवाज दबानेका अशोभनीय प्रकार !

अधिक भाद्रपद शु. , कलियुग वर्ष ५११४

    हिंदू जनजागृति समितिको किसी भी प्रकारका `कारण बताओ’ नोटिस न भेजते हुए अथवा उसे अपनी भूमिका प्रस्तुत करनेका अवसर न देते हुए समितिके जालस्थल ‘http://www.hindujagruti.org’ को आपत्तिजनक सिद्ध करते हुए कांग्रेस सरकारद्वारा उसपर प्रतिबंध लगाया गया है । साधारण नल अथवा बिजलीका देयक जमा न करनेपर संबंधित विभागसे ग्राहकको उसका कनेक्शन काटनेकी सूचना दी जाती है । यहां समितिका जालस्थल केवल भारतके ही नहीं, अपितु विश्वके १७०से अधिक देशोंके लक्षावधी हिंदुओंका आधारस्तंभ है ! उसपर प्रतिबंध क्यों, तो आसामके दंगोंके विषयमें प्रक्षोभक जानकारी फैलाई इसलिए ! आसाम दंगोंके विषयमें कौनसे समाचार, लेख आपत्तिजनक प्रतीत हुए यह बतानेका कष्ट भी शासनने नहीं किया, इस कारण यह प्रतिबंध कांग्रेसवालोंकी तानाशाही है ! आपातकालके समय कांग्रेसद्वारा समाचार पत्रोंकी विद्युत आपूर्ति खंडित करनेके कृत्य होते थे । समाचारपत्रोंपर शासनका पक्ष लेनेका दबाव बनाया जाता था । कांग्रेसकी तानाशाहीकी आज पुनः पुनरावृत्ति हुई है । लोगोंमें राष्ट्रप्रेम तथा धर्मप्रेम जागृत करनेवाली समितिके जालस्थलपर प्रतिबंध लगाकर वैचारिक स्वतंत्रता, माध्यम स्वतंत्रताका गला घोंटा गया है । इस कारण इस प्रतिबंधका जितना धिक्कार किया जाए उतना कम ही है !

समितिसे प्रतिशोध लेनेके लिए ही कार्यवाहीका डंडा !

आसाम दंगोंके विषयमें विविध राष्ट्रवादी जालस्थलोंपर तथा समाचार जालस्थलोंपर प्रसारित समाचार समितिके जालस्थलद्वारा प्रसारित किए गए । आसाम दंगोंकी पृष्ठभूमिपर कांग्रेसको कार्यवाही करनी थी, तो केवल समितिके जालस्थलपर आसाम दंगोंकी जानकारी देनेवाले पृष्ठ ‘ब्लॉक’ किए होते; परंतु ऐसा नहीं किया गया । कानूनका डंडा दिखाकर जालस्थल ही ‘ब्लॉक’ कर दिया गया है । जालस्थलके ‘होमपेज’पर दृष्टिक्षेप करनेसे उसपर राष्ट्रपुरुषोंकी जानकारी, हिंदुओंने धर्माचरण कैसे करना चाहिए, हिंदुओंको त्यौहार शास्त्रानुसार कैसे मनाने चाहिए, हिंदुओंके देवताओंके अनादरके विषयमें अभियान, हिंदू धर्मपर होनेवाले आघातोंके विषयमें प्रबोधनात्मक जानकारी दी गई है । कांग्रेसवालोंको इसमें क्या आपत्तिजनक लगा ? इस जानकारीके कारण दंगे भडकनेकी कहीं भी संभावना है क्या ? ऐसा कुछ न होते हुए संपूर्ण जालस्थल ‘ब्लॉक’ करना, यह समितिके कार्यपर की गई प्रतिशोधात्मक कार्यवाही है ।

अल्प कालावधिमें समितिने विश्वभरके हिंदुओंमें जागृती निर्माण की है । इसमें समितिके जालस्थालका बडा योगदान है । समितिका कार्य कांग्रेसवालोंकी आंखोंमें चुभनेके कारण शासन समितिपर दृष्टि जमाए हुए था । आसाम दंगोंका कारण बताकर कांग्रेस शासनने समितिके प्रसारके मुख्य स्रोतपर आघात कर हिंदुओंको आधारहीन बनानेका प्रयास किया है ।

चोरको छोडकर संन्यासीको फांसी देनेका प्रयास !

कानून एवं सुव्यवस्था बनाए रखनेका नाटक दिखाते हुए यह कार्यवाही की गई है, ऐसा कांग्रेस शासन बता रहा है । इन दंगोंके लिए उत्तरदायी ‘रजा अकादमी’पर कार्यवाही क्यों नहीं ? दंगोंसे कुछ दिन पूर्व मुसलमानोंद्वारा अपने जातभाईयोंको लघुसंदेश भेजे गए तथा मुसलमान परिसरोंमें प्रक्षोभक संदेशवाले भित्तीपत्रक भी लगाए गए । इन सबपर शासनद्वारा क्या कार्यवाही की गई ? दंगोंके बीज पाकिस्तानमें बोए गए हैं, ऐसा भी सामने आया है । सदैवकी भांति पाकको इस विषयमें प्रमाणोंके लेन-देनका कार्यक्रम भी प्रारंभ हो गया है । दंगे भडकानेवाले खुले घूम रहे हैं तथा जिन्होंने दंगे भडकानेके विषयमें लोगोंका प्रबोधन किया उनका मुंह दबानेका अशोभनीय प्रकार है ।

सुशीलकुमार शिंदे अर्थात चिदंबरम्का ‘सुधारित संस्करण’!

सुशीलकुमार शिंदे गृहमंत्रिपदपर विराजमान होनेके उपरांत वे अपने ‘सुशील’ व्यवहारसे सबको अपना बनाएंगे, ऐसा कहा जा रहा था; परंतु पदपर विराजमान होते ही उन्होंने हरा रंग उडाना आरंभ कर दिया । हिंदू धर्म, हिंदुओंके देवता, धर्मग्रंथोंके विषयमें सामाजिक जालस्थलोंके लाखों पृष्ठोंपर अशोभनीय लेख प्रसारित किए जाते हैं तथा पढनेको मिलते हैं । इस विषयमें अनेक बार हिंदुत्वनिष्ठोंने सायबर क्राईम तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियोंसे शिकायत की है; परंतु अन्य समयपर निद्रिस्त ‘डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम’ अथवा ‘सायबर क्राईम’ विभाग हिंदुत्वनिष्ठ संगठनोंके जालस्थलपर प्रतिबंध लगाते समय १०० प्रतिशत तत्परता दिखाता है । सुशीलकुमार शिंदेके निरीह एवं हंसमुख चेहरेके आडमें छिपा हुआ उनका षड्यंत्रकारी रूप इस कारण दिखाई दिया । भूतपूर्व गृहमंत्री चिदंबरम्की हिंदूद्वेषी वृत्ति पग-पगपर अनुभव हुई । शिंदेको चिदंबरम्का सुधारित संस्करण ही कहना पडेगा !

हिंदुओंकी गर्जना आसपासके वातावरणमें गूंज उठेगी !    

हिंदुओंका दिशादर्शन करनेवाला हिंदू जनजागृति समितिका जालस्थल प्रतिबंधित कर हिंदुत्वनिष्ठोंकी आवाज दबाई जाएगी , ऐसा कांग्रेस शासनको लग रहा हो, तो वह उसका भ्रम है । कांग्रेसवाले हिंदुत्वनिष्ठोंके जालस्थल बंद कर सकते है; परंतु हिंदुओंके मनमें जल रही हिंदुत्वकी ज्योति कांग्रेसवाले कैसे बुझाएंगे ? आज हिंदूंओंका एक जालस्थल बंद किया है, कल सहस्रावधी हिंदुत्वनिष्ठ आगे आकर हिंदुत्वके विचारोंका जगभरमें प्रसार करेंगे ! उनकी आवाज दबानेपर लाखो हिंदु आगे आएंगे ! उस समय कांग्रेसवाले क्या करेंगे ? सिंहद्वारा गर्जना करनेपर अच्छे-अच्छोंके छक्के छूट जाते हैं । संग्ठित हिंदूओंकी आवाजका रूपांतरण अब गर्जनामें हो गया है ! निश्चित ही यह गर्जना आसपासके वातावरणमें गुंज उठेगी !

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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