मुंबई : इन दिनो गाय चर्चा में बनी हुई है। गाय पर राजनीति भी जोर-शोर से चल रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में गाय की वजह से एक नया उद्योग चल पडा है जोकि तेजी के साथ बढ रहा है। ये उद्योग है गौमूत्र उद्योग। आर्युवेद में गौमूत्र से गई गंभीर बीमारियों में चमत्कारी परिणाम का जिक्र किया है। यही वजह है कि गौमूत्र की मांग बढ रही है और अब गौमूत्र की वजह से कई परिवारों की रोटी-रोजी चल रही है।
ठाणे जिले के भायंदर इलाके में मौजूद केशव श्रुस्ति गौशाला में हर सुबह करीब चार बजे कर्मचारी अपने हाथों में बालटियां लेकर गायों के बेडे में जाते हैं। इनका उद्देश्य गाय के पहले मूत्र को जमा करना होता है। बेडे में मौजूद करीब २५० गाय और उनके बछडों से करीब २०० लीटर गौमूत्र जमा हो जाता है जिसे पास ही की एक दूसरी यूनिट में लाया जाता है और वहां उसे बोतल में भरकर देशभर में भेजा जाता है। इसकी कीमत २० रूपये से लेकर ८० रूपये प्रति बोतल होती है।
वैदिक परंपरा के अनुसार गौमूत्र को औषधि के तौर पर उपयोग किया जाता था। पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में योग की और प्राकृतिक उपचारों का उपयोग बढा है तबसे गौमूत्र की मांग में भी तेजी से वृद्धि आई है। गौमूत्र का इस्तेमाल कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्त चाप और थाईराइड जैसी बीमारियों के लिए बनाई जाने वाली आर्युवेदिक दवाईयों में किया जाता है।
स्रोत : जागरण