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औरंगाबाद आर्म्स केस : जुंदाल समेत ७ को उम्रकैद, मोदी की हत्या की रची थी साजिश

abu_jundal320मुंबई : स्पेशल मकोका कोर्ट ने मंगलवार को २००६ के औरंगाबाद आर्म्स केस में आतंकी अबू जुंदाल समेत ७ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। दो लोगों को १४-१४ साल की सजा सुनाई गई। ३ को ८-८ साल की सजा हुई है। मामले में १२ लोगों को दोषी करार दिया गया था। जुंदाल और उसके साथियों पर नरेंद्र मोदी और प्रवीण तोगड़िया की हत्या की साजिश का भी आरोप है।

किसको-कितनी सजा

– सैयद जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल समेत बिलाल अहमद अब्दुल रज्जाक, सैयद आकिफ सैयद जफरुद्दीन, अफरोज खान शाहिद खान पठान, फैजल अताउर रहमान शेख, मुहम्मद असलम, मुहम्मद आमिर शकील अहमद शेख को उम्रकैद की सजा मिली है।
– डॉ. मुहम्मद शरीफ शब्बीर अहमद, मोहम्मद मुज़फ्फर मोहम्मद तनवीर को १४-१४ साल की सजा सुनाई गई है।
– मुस्ताक अहमद मुहम्मद इशाक शेख, जावेद अहमद अब्दुल मजीद अन्सारी, अफजल नबी खान इन तीनों को ८-८ साल की सजा सुनाई गई है। लेकिन यह पहले ही दस साल की सजा काट चुके है। लिहाजा इन तीनों की रिहाई होगी।

क्या था ये मामला ?

– बता दें कि ८ मई २००६ को महाराष्ट्र एटीएस ने औरंगाबाद हाईवे पर चांदवड़ और मनमाड़ के बीच दो कारों से भारी मात्रा में हथियार जब्त किया था। इनमें से एक कार अबू जुंदाल चला रहा था। कारें औरंगाबाद से मालेगांव जा रही थी।
– इन कारों से ४० किलो आरडीएक्स, १६ AK ४७, ५०० ग्रेनेड और ५००० कारतूस मिले थे।
– हथियार जब जब्त हुए, उस वक्त जुंदाल गिरफ्तार नहीं हुआ था। वह मालेगांव से फरार होकर पहले बांग्लादेश और फिर वहां से पाकिस्तान पहुंच गया था।
– सैयद जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल २६/११ मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य आरोपियों में से एक है।
– अबू जुंदाल ने ही वहां लश्कर-ए-तैयबा के कैम्प में अजमल कसाब सहित पाकिस्तान से आए सभी आतंकियों को हमले से पहले हिंदी सिखाई थी।
– आतंकियों को ट्रेनिंग के दौरान जुंदाल लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी के साथ काम करता था।
– जब मुंबई हमलों को अंजाम दिया गया तब पाकिस्तान में लश्कर के कंट्रोल रूम में अबु भी बैठा हुआ था।
– इंटेलिजेंस इनपुट में पता चला था कि अबु सऊदी अरब में है। उसे वहां से मई २०१३ में डिपोर्ट किया गया था।

अपने जजमेंट कोर्ट ने क्या कहा था?

– मकोका कोर्ट ने २८ जुलाई को कहा था- “यह आतंकी हमले की बड़ी साजिश थी। और दोषी इसे जिहाद बता रहे थे।”
– “साजिश २००२ गुजरात दंगों के बाद रची गई थी। इसके तहत नरेंद्र मोदी और वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया की हत्या करने की मंशा थी।”
– बता दें कि उस वक्त मोदी गुजरात के सीएम थे।
– कोर्ट ने यह भी कहा कि २००२ के गोधरा कांड का बदला लेने के लिए हथियारों का यह जखीरा पाकिस्तान से आया था।
– इन्हें अनलाॅफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) और आईपीसी एक्ट के तहत सजा सुनाई गई है।
– इस मामले में सुनवाई २०१३ से शुरू हुई थी। इस साल मार्च में खत्म हुई।

केस में नाम आने पर घबरा गया था जुंदाल

– फैसले के वक्त जुंदाल ने कहा- ‘मुझे पहले कई मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है। अब कितनी भी सजा हो फर्क नहीं पड़ता। फिर भी कम से कम सजा दी जाए।’
– सजा शुक्रवार को सुनाई जाएगी। इससे पहले कठघरे में लाते वक्त जुंदाल हंस रहा था। पर दोषी साबित होने पर मायूस हो गया।
– सुनवाई के दौरान उसने कहा, ‘मामले में नाम आने से घबराकर भाग गया था। उसके बाद अनेक घटनाओं में मेरा नाम जोड़ दिया गया। परिवार को तकलीफ हुई। बहन की शादी टूट गई।’

स्रोत : भास्कर

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