Menu Close

सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने का अर्थ है हिन्दू धर्म को ही कलंकित करने का प्रयास ! – श्री. विजय पाटिल, हिन्दू जनजागृति समिति

जलगांव का ‘हिन्दूसंगठन मेला’

मेले में उपस्थित हिन्दू धर्माभिमानी
मेले में उपस्थित हिन्दू धर्माभिमानी

जलगांव : हर हिन्दू को अपने धर्म का ‘प्रवक्ता’ बनना चाहिए ! आज कहीं पर भी हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती। इसलिए हिन्दुओं को ‘धर्म के लिए संगठित हो’, ऐसा बताना पड रहा है। सनातन संस्था हिन्दुओं को धर्मशिक्षा देती है; परंतु आज उसी पर ही प्रतिबंध लगाने का ‘षड्यंत्र’ चल रहा है ! यह एक प्रकार से हिन्दू धर्म को ही कलंकित करने का प्रयास हो रहा है। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विजय पाटिल ने ऐसा प्रतिपादित किया। वे यहां के एकचक्र नगरी (एरंडोल) में ३० जुलाई को आयोजित हिन्दूसंगठन मेले में बोल रहे थे।

इस मेले में ह.भ.प. गजानन महाराज वरसाळेकर की वंदनीय उपस्थिति रही। संगठन मेले से पूर्व सभागृह में संतोंद्वारा गाए हुए भजन लगाए गए थे, जिससे वातावरण में चैतन्य प्रतीत हो रहा था एवं कार्यक्रम के आरंभ में धर्माभिमानियोंद्वारा ढोलताशें बजा कर अपना उत्साह व्यक्त करने के कारण वातावरण में एक वीरश्री भी उत्पन्न हुई !

हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. विजय पाटिल का सम्मान धर्माभिमानी श्री. श्रीकांत कासार ने एवं राणरागिणी शाखा की पूजा जाधव का सम्मान श्रीमती रेणुका बिरला ने किया।

लडकियों पर अत्याचार करनेवाले वासनांधों का ‘चौरंगा’ (हाथ-पैर तोड़ना) ही कर देना चाहिए ! – कु. पूजा जाधव, राणरागिणी शाखा

एक धर्मांध युवकद्वारा धरनगांव की ५-६ वर्ष की बालिका को अगुवा कर उस पर बलात्कार करने का प्रयास किया गया। वह बालिका तो बच गई; परंतु इस घटना के उपरांत २ दिन तक वह अतिदक्षता (आयसीयू) विभाग में मृत्यु से संघर्ष करती रही। पुलिसद्वारा धर्मांध के विरोध में अयोग्य धाराओं को लगा कर अपराध प्रविष्ट किया गया। छत्रपति शिवाजी महाराजद्वारा प्रयुक्त नीति के अनुसार ऐसे धर्मांधों का ‘चौरंगा’ ही करना चाहिए, ऐसा करने से ही उन पर धाक जमेगी !

क्षणिकाएं

१. एरंडोल नगर में एक माह पूर्व आरंभ किए गए धर्मशिक्षा वर्ग के बालकों ने इस मेले के आयोजन में सहकार्य किया।

२. एक धर्माभिमानी ने उत्तम ध्वनिवर्धक यंत्रणा; स्वयं व्यय कर, उपलब्ध करा दी !

३. हिन्दुओं के कार्यक्रम में धर्मांधों को ढोलताशें बजाने हेतु आमंत्रित न करना पडे, इस हेतु नगर के धर्माभिमानी युवकोंद्वारा स्वयं अपना ढोलताशा पथक सिद्ध किया गया !

४. मेले में उपस्थित महिलाओं में २ महिलाओं ने उस्फूर्त रूप से ‘हिन्दू राष्ट्र’ के संदर्भ में गीत प्रस्तुत करने की इच्छा व्यक्त की एवं ‘ये भारत हिन्दू राष्ट्र है’, इस आशय का गीत भी प्रस्तुत किया। इन राणरागिणियों ने उस्फूर्त रूप से धर्म का ‘प्रवक्ता’ होने की इच्छा भी व्यक्त की !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *