अबुजा : नाइजीरिया के अतिवादी इस्लामिक संगठन बोको हराम के नए नेता ने सभी चर्चों को बम से उड़ाने और ईसाइयों को मारने की धमकी दी है। हालांकि अब तक यह मस्जिदों और बाजारों पर हमला कर आम मुसलमानों को टारगेट करता था। बोको हराम के इस नए नेता ने इस्लामिक स्टेट ग्रुप के एक अखबार को दिए इंटरव्यू में यह बात कही है। उसने कहा कि यहां पश्चिमी देश ईसाइयत फैला रहे हैं। उसने कहा कि उपकार के नाम पर ये गैर-ईसाई देशों में ईसाइयत फैलाने में जुटे हैं। इस्लामिक स्टेट न्यूजपेपर अल-नाबा में छपे इंटरव्यू का एसआईटीई इंटेलिजेंस ग्रुप ने अनुवाद किया है।
इस न्यूजपेपर की पहचान कथित रूप से पश्चिमी अफ्रीकी प्रांत के अबू मुसाब अल-बर्नावी या ‘वाली’ के रूप में है। वाली टाइटल का इस्तेमाल पहले लंबे समय तक बोको हराम के नेता रहे अबुबकर शेकाउ के लिए किया जाता था। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि फिलहाल अबुबकर का स्टेटस क्या है। हालांकि कुछ दिनों से यह बात हवा में उड़ रही थी कि बोको हराम के नेतृत्व में परिवर्तन किया गया है।
बदली रणनीति, अब निशाने पर आए ईसाई
अल-बर्नावी को दिए इंटरव्यू में नए नेता ने रणनीति बदलने का संकेत दिया। बोको हराम एक नाइजीरियन अतिवादी ग्रुप है। इसने ईसाइयों के मुकाबले मुस्लिमों को ज्यादा मारा है। इसने मस्जिदों पर आत्मघाती हमलों के साथ खुली फायरिंग भी की है। बोको हराम की तरफ से अहम मुस्लिम इलाकों में भीड़भाड़ वाले मार्केटप्लेस पर भी हमला किया गया है। यह स्कूली बच्चों को अगवा और उनकी हत्याएं भी करता रहा है। वह स्कूलों और स्टूडेंट्स को वेस्टर्न एजुकेशन हासिल करने का आरोप लगाकर निशाना बनाता है।
उसने इंटरव्यू में कहा, ‘वे हमारी सोसायटी को ईसाइयत के रंग में रंगना चाहते हैं। जो युद्ध में विस्थापित हो गए हैं या फिर जो मजबूर हैं उनकी स्थितियों का ये फायदा उठा रहे हैं। ये लोगों को खाना और आवास मुहैया कराते हैं और बच्चों को ईसाइयत की तरफ मोड़ लेते हैं।’ अल-बर्नावी के मुताबिक उसने कहा, ‘हमारे लड़ाके सभी चर्चों पर हमले करेंगे और ईसाइयों को मारेंगे। हम ईसाइयों को चुन-चुनकर मारेंगे।’
बुधवार को की गई घोषणा से संकेत मिलते हैं कि बोको हराम से अलग हुआ अंसारु ग्रुप और शेकाउ के खिलाफ है। विश्लेषक जैकब जेन ने कहा कि ये अब इस्लामिक स्टेट और अलकायदा की राह पर बढ़ चुके हैं। बोको हराम से अंसारु ग्रुप ने खासकर मुस्लिम नागरिकों की अविवेकपूर्ण हत्या को लेकर असहमति जताई थी। इसी आधार पर वह अलग भी हुआ।
स्रोत : नवभारत टाइम्स