ग्वालियर : फर्जी आधार कार्ड के जरिए एयरफोर्स में घुसपैठ करते हापुड का सद्दाम हुसैन (१९) पकडा गया है। उसे एयरबेस के सुरक्षित ठिकाने तक ले जाने की कोशिश गाजियाबाद का ठेकेदार माजिद अली कर रहा था।
वायुसेना सुरक्षा को चकमा देने के लिए माजिद ने सद्दाम को अपने भाई जावेद का आधार कार्ड दिया था। लेबर सुपरवाइजर रनवीर यादव निवासी मोहनपुर को भी फर्जीवाडे़ की पूरी जानकारी थी, लेकिन वह भी चुप रहा। पिछले ६ महीने में एयरफोर्स स्टेशन में घुसपैठ की दूसरी कोशिश पकडी गई है। खुफिया एजेंसियां तीनों आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं। इसमें एयरफोर्स कर्मियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा रहा है।
सद्दाम हुसैन
पकडे़ गए सददाम ने पुलिस को बताया वह पुताई का काम करता है। पहली बार ग्वालियर आया है। माजिद अली (२८) पुत्र सनाउल्लाह खां निवासी मकान नंबर २५४ मोहीउद्दीनपुर डबासी (गाजियाबाद) उसके फूफा का पडोसी है। माजिद ने उसे ही एयरफोर्स स्टेशन में घुसने के लिए फर्जी आईडी थमाई थी। भरोसा दिलाया था कोई नहीं पकडेगा।
माजिद अली (२८) पुत्र सनाउल्लाह खां निवासी गाजियाबाद
एयरफोर्स स्टेशन में फर्जी आईडी से घुसपैठ की कोशिश का मास्टर माइंड माजिद अली (२८) पुत्र सनाउल्लाह खां हैं। उसने वायुसेना की सुरक्षा में सेंध सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए की है या फिर किसी और मकसद से, खुफिया एजेसियां उससे उगलवाने की कोशिश कर रही हैं। क्योंकि माजिद वायुसेना स्टेशन में बतौर ठेकेदार एल्यूमीनियम फेब्रीकेशन का काम करवा रहा है, लेकिन वायुसेना के रिकॉर्ड में ठेका उसके नाम नहीं है।
सुपरवाइजर रनवीर यादव निवासी मोहनपुर
एयरफोर्स ने ठेका आगरा निवासी जसपाल सिंह एंड कंपनी को दिया था, लेकिन जसपाल की कंपनी ने यहां काम शुरू ही नहीं किया, उसने ठेका लेने के बाद आगरा निवासी विशाल मिश्रा को ठेका दे दिया। विशाल ने भी एयरफोर्स के काम में दिलचस्पी नहीं ली और उसने गाजियाबाद निवासी फेब्रीकेशन के कारीगर माजिद अली को काम थमा दिया। आरोपी मोहम्मद सद्दाम हुसैन ने पुलिस को बताया, माजिद एयरफोर्स स्टेशन में बतौर ठेकेदार काम कर रहा है। उसका भाई जावेद भी एल्यूमीनियर फेब्रीकेशन का काम जानता है, इसलिए उसे भी यहां काम पर रख लिया।
कई दिनों से जावेद काम पर नहीं आया तो माजिद ३१ जुलाई की शाम आई १० कार से उसे ग्वालियर लाया। यहां एयरबेस के पास किराए के मकान में रखा। एक अगस्त को उसे एयरफोर्स स्टेशन के अंदर मजदूरी के लिए लाया। उसे जावेद का आईडी थमाकर बोला, चेकिंग में आईडी देखकर तुमसे पिता का नाम पूछा जाए तो सनाउल्लाह खां बताना। एक अगस्त की सुबह सद्दाम लेबर के साथ एयरफोर्स स्टेशन में घुसा तो चेकिंग में पिता का नाम बताने में अटक गया, शक होने पर उसके आधार कार्ड की जांच में फर्जीवाडा पकडा गया।
कौन है सद्दाम
पुलिस का कहना है ऊंचा मोहल्ला, काजीबाडा टंकी पुलिस चौकी के पास हापुड निवासी सद्दाम कक्षा दो तक पढ़ा है और रंगाई-पुताई का काम करता है। उसका फूफा डबासी (गाजियाबाद) निवासी माजिद का पडोसी है। फूफा के जरिए ही माजिद ने सद्दाम को एयरफोर्स स्टेशन में काम दिलाने के लिए बुलाया था।
दिसंबर २०१५
वायुसेना के पूर्व अधिकारी रंजीत केके को पठानकोट में आईएसआई के लिए जासूसी करते पकडा गया था। रंजीत ने ग्वालियर एयरबेस की कई जानकारियां पाकिस्तान भेजने की हामी भरी थी।
८ फरवरी २०१६
फिरोज और असगर निवासी सिहोनिया मुरैना को फर्जी आईडी से मजदूरी के नाम पर एयरफोर्स में घुसपैठ की कोशिश करते पकडा था। दोनों एयरफोर्स के अंदर कई दिन काम भी कर चुके थे।
बडा सवाल
बडा सवाल उठ रहा है घुसपैठ में पकडा गया सददाम खुद को पुताई करने वाला बता रहा है। शहर में मजदूरों की कमी नहीं है। फिर भी एयरफोर्स स्टेशन में बार-बार बाहरी मजदूरों द्वारा फर्जी आईडी से घुसपैठ की कोशिश के मामले सामने आ रहे हैं।
घुसपैठ पकडे़ जाने पर एयरफोर्स अधिकारियो ने करीब २४ घंटे तक सददाम, माजिद और रनवीर से पूछताछ की फिर २ अगस्त (मंगलवार) को महाराजपुरा पुलिस के हवाले किया।
- माजिद एयरफोर्स स्टेशन में कई दिनों से काम कर रहा है।
- इस दौरान उसने क्या जानकारियां जुटाई हैं।
- सद्दाम को किस इरादे से लाया था।
- सुपरवाइजर रनवीर चुप क्यों रहा खुफिया एजेसियां उनसे पूछ रही हैं।
जानकारी जुटा रहे हैं
पकडे़ गए दोनों आरेापियों और लेबर सुपरवाइजर से फर्जी आईडी के जरिए घुसने की वजह पूछी जा रही है। माजिद और सद्दाम के बारे में उत्तरप्रदेश से भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
– हरिनारायणाचारी मिश्र, एसपी
स्रोत :पत्रिका