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परात्पर गुरु डॉ. आठवलेद्वारा ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने का निश्चय किया गया है, अतः वह निश्चित होगा ही – स्वामी सर्वानंद सरस्वती

सनातन को संतों का आशीर्वाद

हाल ही में, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने देहली के वसंतकुंज निवासी पू. स्वामी सर्वानंद सरस्वती से भेंट की !

पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी (बाईं ओर) तथा पू. स्वामी सर्वानंद सरस्वतीजी
पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी (बाईं ओर) तथा पू. स्वामी सर्वानंद सरस्वतीजी

देहली : हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने यहां के वसंतकुंज निवासी पू. स्वामी सर्वानंद सरस्वतीजी से भेंट की तथा समिति के कार्य के संदर्भ में जानकारी प्रदान की। साथ ही इस समय पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने स्वामीजी को सनातन के रामनाथी, गोवा आश्रम को भेंट देने का निमंत्रण दिया।

उस समय परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के संदर्भ में बोलते हुए स्वामीजी ने कहा कि, उन्होंने हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने का निश्चय किया है, अतः वह निश्चित होगा ही !

स्वामीजी ने आगे यह बताया कि, मानव में नकारात्मकता है, उसे न्यून करने हेतु उसे सत्त्वगुण की वृद्धि करना आवश्यक है। जिसके मन में संदेह उत्पन्न होते हैं, उन्हें कभी भी सफलता प्राप्त नहीं होती। समाज के साधुओं में से अनेक साधु केवल साधू वेश परिधान कर हिन्दू धर्म को हानि पहुंचा रहें हैं। साधुओं को सादा वेश परिधान करना चाहिए। किसी भी प्रकार का अवडंबर नहीं होना चाहिए !

उस समय स्वामीजी को ‘सप्तर्षि जीवनाडी वाचन’ तथा सनातन के रामनाथी, गोवा के आश्रम में संपन्न हुए ‘उच्छिष्ट गणपति यज्ञ’ की ध्वनिचित्र चक्रिका दिखाई गई। उन्हें देखकर वे अत्यंत संतोषित हुए साथ ही उन्होंने कहा, मुझे भी इस ध्वनिचित्र चक्रिका की एक प्रति दीजिए। विदेश जाने के पश्चात मैं वहां सभी को दिखाऊंगा !

अंत में स्वामीजी ने कहा कि, ‘आपके कार्य में, मैं पूरी तरह से सहयोग करूंगा। मैं आपके कार्य में पूरी तरह से समर्पित हूं। हमारे इस सभागृह में आप कभी भी अपना कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं !’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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