फ्रांस सरकार ने दिसंबर से अब तक मुसलमानोंके २० मस्जिदों और प्रार्थना स्थलों को बंद कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि, यहां लोगों को इस्लाम से जुड़े कट्टर विचार सिखाए जा रहे थे। इन मस्जिदों के बंद होने की जानकारी फ्रांस के ग्रहमंत्री बर्नार्ड कैजेउन्वे ने दी। ग्रहमंत्री बर्नार्ड ने ट्वीट के जरिए कहा, ” दिसंबर २०१५ से कट्टरता के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत २० मस्जिदों को बंद कराया जा चुका है।”
फ्रांस के इस निर्णय पर भारत में रह रही बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने पूछा है कि, बाकि देश ऐसा निर्णय कब लेने वाले हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “फ्रांस में कट्टरता सिखाने के आरोप में २० मस्जिदों पर ताला लग चुका है। बाकि मुस्लिम देशों का क्या ? क्या उन्हें ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए ?”
इससे पहले सोमवार को ग्रहमंत्री बर्नार्ड ने बताया था, “फ्रांस में मस्जिदों और प्रार्थनास्थलो द्वारा नफरत फैलाने वालों के लिए इस देश में कोई स्थान नहीं है। इसलिए हमने कुछ महीने पहले यह निर्णय किया कि, आपात स्थिति के जरिए मस्जिदों को बंद कर दें। अब तक २० मस्जिदें बंद की जा चुकी है और कुछ दुसरी मस्जिदों पर भी यह कार्रवाई की जाएगी। फ्रान्स २४ न्यूज चैनल के अनुसार फ्रांस में स्थित २५०० मस्जिद और प्रार्थना स्थलो में से करीब १२० मस्जिद फ्रांस के अधिकारियों के शक के घेरे में थीं। इनमें धार्मिक विचारों के प्रचार के नाम पर चरमपंथ की शिक्षा दी जाने के आरोप हैं।
तस्लीमा नसरीन के ट्वीट पर कई लोगों ने समर्थन जताया है।
स्त्रोत : जनसत्ता