Menu Close

गाय को पूजने वालों का दर्द तो समझिए : लोकसभा में हुकुम सिंह

hukum-singhगौरक्षकों को लेकर चल रहे विवाद के बीच कैराणा से सांसद हुकुम सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि गौरक्षकों के खिलाफ आवाज उठाना छद्म धर्मनिरपेक्ष लोगों के लिए फैशन बन गया है। उन्‍होंने कहा कि ये लोग यहां-वहां होने वाली छोटी-मोटी घटनाओं पर चिल्‍ला-चिल्‍लाकर राई का पहाड बना देते हैं। उत्‍तर प्रदेश से आने वाले हुकुम सिंह ने गाय का आदर करने वाले लोगों का दर्द न समझने पर विपक्ष के नेताओं पर भी हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि गाय का सम्‍मान करने वालों का दर्द समझने के बजाय ये लोग गाय की रक्षा के नाम पर होने वाली किसी भी घटना का राजनीतिकरण कर देते हैं।

अनुदान की मांग पर बहस के दौरान बोलते हुए हुकुम सिंह ने ‘गायों पर हो रहे अत्‍याचार’ का मामला उठाया। उन्‍होंने कहा कि गायों को ट्रक में भरकर एक राज्‍य से दूसरे में ले जाते हुए उन्‍होंने खुद ने देखा है। सांसद ने कहा, ” उनमें से करीब 15 मर गई और मरी हुई गायों को कत्‍लखाने ले जाकर बीफ के रूप में बेचा गया। क्‍या इससे ज्‍यादा गंभीर बात कुछ और हो सकती है।” उनके बयानों से विपक्षी सांसद उत्‍तेजित हो गए और विरोध करने लगे। इस पर भाजपा सांसदों ने उन्‍हें बैठ जाने को कहा। मेरठ से भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा, ”भारत को समझने की कोशिश करो। गांधीजी ने क्‍या कहा था इसे समझने का प्रयास करो।”

बहस शुरू होने के समय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली सदन में मौजूद थे लेकिन जब यह बयान दिए गए जब वे वहां पर नहीं थे। हुकुम सिंह ने आगे कहा, ”यदि ऐसे अवैध कामों के खिलाफ हम कार्रवाई की मांग करते हैं तो इसे दमन कहा जाता है। आपने कभी सोचा है यह कितना तकलीफ देता है? आपको ऐसा क्‍यों लगता है कि हमें इससे परेशान नहीं होना चाहिए? आप हमारा दर्द क्‍यों नहीं समझते? गायों को लेकर आपके मन में इतनी नफरत क्‍यों है? क्‍या ऐसे करने वालों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? छद्म धर्मनिरपेक्ष होना फैशन बन गया है। मैं कहता हूं, मैं गायों का आदर करने वाले परिवार से आया हूं। यहां-वहां छोटी-मोटी घटनाएं हुई होंगी। कुछ लोग राई का पहाड बनाने में लगे हैं।”

हुकुम सिंह सात बार विधायक भी रह चुके हैं। उन्‍होंने कहा, ”कुछ राजनेता हैं जो इस तरह की घटनाओं पर अपने कार्यक्रम बनाते हैं। लेकिन यह सच्‍चा धर्मनिरपेक्षवाद नहीं है। यह धर्मनिरपेक्षता पर धब्‍बा है।”

स्रोत : जनसत्ता

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *