श्री क्षेत्र तुलजापुर देवस्थान घोटाला !
• कांग्रेसी शासनकाल का तुलजापुर देवस्थान समिति का भूमि एवं दानपेटी घोटाला !
• धाराशिव के पत्रकार परिषद में श्री तुलजाभवानी संरक्षक कृति समितिद्वारा दी गई जानकारी !
धाराशिव : उच्च न्यायालयने अन्वेषण यंत्रणाओं को कठोरता से फटकारते हुए कहा गया कि, तुलजापुर देवस्थान भूमि एवं दानपेटी घोटाले के प्रकरण में अन्वेषण यंत्रणाओं का कार्य समाधानकारक नहीं है ! इस संदर्भ में आगे क्या क्या कदम उठाए जाएंगे, इस का ब्यौरा ८ सप्ताह के अंदर गृह, महसूल एवं न्याय विभाग के सचिव तथा धाराशिव के जिलाधिकाराद्वारा प्रस्तुत किया जाए।
हिन्दू जनजागृति समिति के राज्य संगठक श्री. सुनील घनवटद्वारा ९ अगस्त को धाराशिव में आयोजित पत्रकार परिषद में यह जानकारी दी गई।
इस अवसर पर हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर, महंत मावजीनाथ महाराज, शिवबाराजे प्रतिष्ठान के संस्थापक-अध्यक्ष श्री. अर्जुन साळुंखे एवं हिन्दू जनजागृति समिति के सोलापुर समन्वयक श्री. राजन बुणगे उपस्थित थे।
पिछले वर्ष मुंबई उच्च न्यायालय के संभाजीनगर खंडपीठ में हिन्दू जनजागृति समिति एवं हिन्दू विधिज्ञ परिषद इनके संयुक्त लडाई के परिणाम स्वरूप तुलजाभवानी देवस्थान घोटाले के प्रकरण में एक जनहित याचिका प्रविष्ट की गई है। इस प्रकरण में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के संस्थापक सदस्य अधिवक्ता श्री. सुरेश कुलकर्णी एवं सदस्य अधिवक्ता श्री. उमेश भडगावकर न्यायालय में पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।
इस अवसर पर सूचना अधिकारद्वारा प्रकरण को उजागर करनेवाले हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने बताया कि, इस घोटाले का विस्तार बडा होते हुए भी अन्वेषण असमाधानकारक है। इस अवसर पर तुलजाभवानी संरक्षक कृति समिति की स्थापना एवं कृतिद्वारा की जानेवाली लडाई के संदर्भ में जानकारी दी गई।
क्या है, तुलजापुर देवस्थान घोटाला ?
१. वर्ष २००८ में तुलजापुर देवस्थान समिति के स्वामित्व की २६५ एकड भूमि के दस्तावेज में अवैधानिक रूप से फेरफार होने की बात उजागर हुई थी। इस प्रकरण में दो शासकीय अधिकारियों का निलंबन भी हुआ था। इस भूमि घोटाले के प्रकरण में तत्कालीन मुख्यमंत्रीद्वारा जांच के आदेश दिए गए थे; परंतु ७ वर्ष से कोई भी कार्रवाई न करते हुए जांच का ब्यौरा दबा कर रखा गया था।
२. राज्य अपराध अन्वेषण शाखा के जांच में देवस्थान के दानपेटियों की नीलामी में करोडो रुपयों का घोटाला होने की बात उजागर हो गई है। वर्ष १९९१ से २००९ की अवधि में नीलामी की राशि एवं भक्तोंद्वारा प्रत्यक्ष अर्पित वस्तुओं की कुल मिला कर राशियों में भारी मात्रा में अंतर पाया गया। इस संदर्भ में वर्ष २०१० में तुलजापुर के पुजारी मंडल के अध्यक्ष श्री. किशोर गंगणेद्वारा धर्मादाय सहआयुक्त को परिवाद किया गया था। तत्कालीन धर्मादाय सहआयुक्त ने जेष्ठ पुलिस अधिकारियोंद्वारा इस दानपेटी प्रकरण में हुए भ्रष्टाचार की जांच होने के आदेश दिए; परंतु सभी प्रमाण होते हुए भी जानबूझकर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही थी। आगे इस प्रकरण को राज्य अपराध अन्वेषण विभाग को हस्तांतरित किया गया। इस प्रकरण में २३ जिलाधिकारी फंसे हुए हैं !
जाहिर आवाहन !
इस पत्रकार परिषद के माध्यम से ऐसा आवाहन किया गया है कि, यदि किसी नागरिक को श्री तुलजाभवानी देवस्थान समिति के भ्रष्टाचार के संदर्भ में तथा तत्सम अन्य कोई भी जानकारी हो तो, उसे श्री. सुनील घनवट को (भ्रमणभाष क्रमांक -९४०४९५६५३४) सूचित करें !
श्री तुलजाभवानी सुरक्षा कृति समिति की स्थापना !
८ अगस्त को यहां के महंत मावजीनाथ महाराज के मठ में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की एक बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर तुलजापुर मंदिर के घोटाले के संदर्भ में निर्णायक लडाई, लड़ने हेतु यह श्री तुलजाभवानी सुरक्षा कृति समिति स्थापित की गई है।
इस बैठक में कृति समिति के प्रवक्ता के रूप में श्री. सुनील घनवट एवं कृति समिति के वैधानिक परामर्शदाता के रूप में अधिवक्ता श्री.वीरेंद्र इचलकरंजीकर की नियुक्ति की गई है।
इस समिति में महंत इच्छागिरी महाराज के साथ सनातन के साधक श्री. हिरालाल तिवारी का सहभाग होगा। वर्तमान में यह कृति समिति मुख्यत: मंदिर की पवित्रता की रक्षा, मंदिरसुरक्षा, भ्रष्टाचार निर्मूलन, परंपराओं की रक्षा एवं भक्तों की सुविधाओं पर ध्यान केंदित कर वैधानिक मार्ग से लडाई करेगी। इस प्रकरण में कृति समिति की ओर से राज्यशासन को न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा न कर स्वयं कृति करने एवं देवस्थान का धन लूटनेवाले लुटेरों को नागरिकों के सामने उजागर कर उन्हें कठोर दंड देने की मांग की गई है।
इस अवसर पर महंत मावजीनाथ महाराज ने चेतावनी देते हुए कहा कि, जब तक भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक देवी के भक्त शांत नहीं बैठेंगे। इस समय शिवबाराजे प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष श्री. अर्जुन साळुंखे एवं श्री. राजन बुणगे उपस्थित थे। हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने कानूनविषयक कृतियों के सूत्र प्रस्तुत किए।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात