लन्दन के एक पादरी को १३ बच्चों का यौन शोषण करने के अपराध में १२ वर्ष की जेल हुई है। लन्दन की स्थानीय न्यायालय ने आरोपी को दण्ड दिया है। पादरी पर आरोप अनुसार उसने बाल संरक्षण गृह में काम करने के दौरान १३ बच्चों का २७ बार यौन शोषण किया।
वृत्त के अनुसार, इस प्रकरण में ६६ वर्षीय आरोपी फिलिप टेंपल के हवस का शिकार होने वालों में मासूम लडके और लडकियां दोनों थे। । एक अंग्रेजी समाचारपत्र अनुसार, १९७१ से १९७७ के दौरान फिलिप जब लेम्बेथ और वान्सवर्थ के बाल संरक्षण गृह में काम करते थे तब यहां के मासूम बच्चों का यौन शोषण किया। उस दौरान किए अपराध के लिए आरोपी पादरी को अब जाकर सजा मिल सकी है।
यौन शोषण की घटनाआें के बाद आरोपी ‘क्राइस्ट द किंग मॉनैस्ट्री’ चर्च में पादरी बन गया था। पादरी के रूप में भी इस आरोपी ने दो बच्चों का यौन शोषण किया जिसके बाद उसकी पहले की हरकत भी पकड में आई। बुधवार को आरोपी पादरी फिलिप को क्रॉयडन क्राउन न्यायलय ने दण्ड दिया। इस दौरान फिलिप ने न्यायालय में स्वीकार किया कि, उसने चर्च का पादरी रहते हुए दो बच्चों का यौन शोषण किया। प्रकरण पर निर्णय देते हुए जज ने कहा कि, ‘ऐसा लगता है कि, फिलिप बच्चों का यौन शोषण करने के लिए ही चर्च का पादरी बना था। फिलिप चर्च का पादरी बनने के बाद चरवाहे के वेष में भेडिया था।’
स्त्रोत : रिव्होल्ट प्रेस