‘श्री विठ्ठल-रुक्मिणी देवस्थान संरक्षक कृति समिति’ का गठन
पवित्रता की रक्षा, धर्मपरंपराओं का पालन, भ्रष्टाचारमुक्त देवस्थान सहित पंचसूत्री के लिए समिति आक्रमक !
पंढरपुर (जनपद सोलापुर) : श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर में नियुक्त शासकीय प्रशासकोंद्वारा धार्मिक परंपराओं का पालन ना होना, गोशाला में स्थित गायों का प्लास्टिक खाकर मृत्यु होना, साथ ही प्रक्षाळपूजा जैसी प्रमुख धार्मिक विधि की तिथियों में परिवर्तन कर प्रक्षाळपूजा करना ऐसा मनमानी ‘व्यवहार’ हो रहा है !
इन गैरव्यवहारों को रोकने हेतु, साथ ही श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर की पवित्रता की रक्षा, धर्मपरंपराओं का पालन, धर्मशास्र के अनुसार तिथियों का पालन, भ्रष्टाचाररहित प्रशासन, गोशाला में स्थित गोमाताओं की रक्षा एवं उनका संगोपन करने जैसे महत्त्वपूर्ण विषयोंपर बातचीत करने हेतु यहां ८ अगस्त को वारकरी संप्रदाय, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनाओं की एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उपर्युक्त पंचसूत्री का क्रियान्वयन करने हेतु ‘श्री विठ्ठल-रुक्मिणी देवस्थान संरक्षक कृति समिति’ का गठन किया गया।
इस बैठक में, हिन्दु जनजागृति समिति के राज्य संगठन श्री. सुनील घनवट की कृति समिति के ‘राज्य प्रवक्ता’ के रूप में, ह.भ.प. रामकृष्ण महाराजी वीर की ‘स्थानीय प्रवक्ता’ के रूप में तथा हिन्दु विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता श्री. वीरेंद्र इचलकरंजीकर की ‘कानूनी समुपदेशक’ के रूप में नियुक्ती की गई।
बैठक में उपर्युक्त पदाधिकारियोंसहित ह.भ.प. राणा महाराज वासकर, शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के श्री. प्रताप साळुंखे, श्री. सौरभ थिटे, श्री. वीरेंद्र उत्पात, श्री. विजय बडवे, हिन्दु जनजागृति समिति के जनपद समन्वयक श्री. राजन बुणगे, सनातन संस्था के श्री. आप्पासाहेब सांगोलकर, पेशवा युवा मंच के श्री. गणेश लंके, शिवसेना के श्री. वैभव बडवे एवं श्री. महेशाचार्य उत्पात उपस्थित थे।
इस बैठक में आंदोलन की अगली दिशा निर्धारित की गई।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात