Menu Close

‘एबीपी माझा’ के पत्रकार ने मांगी गोरक्षकों की क्षमा !

‘झूठे गोरक्षक’ ऐसा आरोप करते हुए विपर्यस्त समाचार प्रसारित करने का प्रकरण

झूठे गोरक्षक ऐसा आरोप करते हुए विपर्यस्त समाचार प्रसारित करने के विराेध में संगठितरूप से तथा वैध मार्ग से आंदोलन कर एबीपी माझा के पत्रकार का झूठ स्पष्ट करनेवाले श्री. मिलिंद एकबोटे तथा अन्य गोरक्षकों का अभिनंदन ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात

गोरक्षकोंद्वारा दी गई उत्स्फूर्त घोषणाएं ….

  • भ्रष्टाचारी एबीपी माझा का धिक्कार है !
  • गोमाता के साथ अवैध वर्तन करनेवाली एबीपी माझा का धिक्कार है !
पुणे में, एबीपी माझा के कार्यालय के बाहर आंदोलन करते हुए गोरक्षक एवं बीच में वक्तव्य करते हुए श्री. मिलिंद एकबोटे
पुणे में, एबीपी माझा के कार्यालय के बाहर आंदोलन करते हुए गोरक्षक एवं बीच में मार्गदर्शन करते हुए श्री. मिलिंद एकबोटे

पुणे : यहां के गोरक्षक श्री. शिवशंकर स्वामी तथा श्री. मिलिंद एकबोटे के विरोध में एबीपी माझा इस समाचार प्रणाल के, पुणे के पत्रकार मंदार गोंजारी ने ‘झूठे गोरक्षक’ ऐसा आरोप कर विपर्यस्त समाचार प्रसारित किया था । इस समाचार का निषेध करने हेतु अखिल भारत कृषि गोसेवा संघ तथा समस्त हिन्दु आघाडी के १५० से भी अधिक गोरक्षकों ने ९ अगस्त के दिन एबीपी माझा के पुणे कार्यालय के बाहर हाथ में भगवा झंडा तथा भगवी टोपी परिधान कर वैध मार्ग से आंदोलन किया । तत्पश्चात निवेदन प्रस्तुत कर मंदार गोंजारी को क्षमा मांगने के लिए बाध्य किया ।

इस आंदोलन को संबोधित करते हुए समस्त हिन्दु आघाडी के श्री. मिलिंद एकबोटे ने बताया कि, श्री. शिवशंकर स्वामी ने गोरक्षा का कार्य एक तपश्चर्या के रूप में किया है तथा अनेक कसायों पर ३०० से अधिक अपराध प्रविष्ट किए हैं । उनको ही एबीपी माझा झूठा गोरक्षक कहती है । अतः उनकी बुद्धि की दया आती है । केन्द्रीय गुप्तचर यंत्रणा का ब्यौरा है कि, कसाई गौओं की हड्डियां बेचकर उससे प्राप्त धन इसिस को भेजते हैं । ऐसा होते हुए भी उनका साथ देनेवाले मंदार गोंजारी तथा एबीपी माझा का हम धिक्कार करते हैं !

आंदोलन के समय भारी वर्षा हो रही थी; अपितु आंदोलक ३ घंटे से अधिक समय कार्यालय के बाहर गोंजारी की प्रतिक्षा कर रहे थे । गोरक्षकों ने यह दृढ निश्चय किया था कि, जबतक गोंजारी क्षमा नहीं मांगते, तबतक पीछे नहीं हटेंगे ! अतः गोंजारी को कार्यालय के बाहर आकर गोरक्षकों के निवेदन का स्वीकार करते हुए क्षमा मांगनी पड़ी !

apbmaza_gorakshak

क्षणिका : पुलिस ने पूरे आंदोलन का चित्रीकरण किया । (यही समय यदि पुलिस ने आतंकवादियों को पकड़ने में लगाया होता, तो अब तक देश ‘आतंकवाद मुक्त’ हो गया होता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

……………………………………………………………………………….

सनातन के श्री. समीर गायकवाड की बंदी के दो दिन पश्चात एबीपी माझा के पत्रकारों ने सनातन के रामनाथी आश्रम को भेंट दी । इन पत्रकारों में मंदार गोंजारी भी थे । भेंट करने से पूर्व उन्होंने सनातन के कार्य के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की । उस समय उन्हें सनातन का आश्रम दिखाया गया । तदुपरांत उन्होंने सनातन के प्रवक्ता एवं अन्य एक उत्तरदायी साधक को प्रश्न पूछकर उनसे जानकारी प्राप्त की । वहां से निकलते समय उनमेंसे मुख्य पत्रकार ने स्पष्टरूप से बताया कि, ‘आप का कार्य एवं आश्रम अच्छा है; किंतु समाचार प्रकाशित करते समय हम आप के विषय का समाचार नकारात्मकता से ही प्रकाशित करेंगे । तदनंतर अभीतक सदैव एबीपी माझा ने समाचारप्रणाल पर निरंतर सनातन को अपकीर्त करनेवाले ही समाचार प्रसारित किए गए हैं । इसका अर्थ यही है कि, कार्य कितना भी अच्छा हो, एबीपी माझा के समान समाचार प्रणालों की नीति धर्मप्रेमी संगठनों के विरोध में समाचार प्रकाशित करने की ही है, समाज इस बात को ध्यान में रखें ! – श्री. वीरेंद्र मराठे, व्यवस्थापकीय न्यासी, सनातन संस्था

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *