वॉशिंगटन रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका में कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए नए प्रवासियों की गहन जांच किए जाने का प्रस्ताव किया है। ट्रंप ने ओहायो में एक चुनावी सभा में कहा कि, हमें उन्हीं लोगों को देश में प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए जो हमारे मूल्यों को साझा करते हैं और हमारे लोगों का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि, शीत युद्ध के दौर में वैचारिक परीक्षण की व्यवस्था थी। आज हम जिन चुनौतियां का सामना कर रहे हैं, उसके लिए एक नया परीक्षण विकसित करने का समय आ गया है। उन्होंने इसे गहन जांच का नाम दिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में पहले से ही काफी समस्याएं हैं और हमें और समस्याओं की आवश्यकता नहीं है। ये ऐसी चुनौतियां हैं जो पहले कभी नहीं थीं।
आतंकवादी समूहों से सहानुभूति रखने वाले लोगों को अलग किए जाने के अलावा हमें अपने देश या उसके सिद्धांतों के खिलाफ शत्रुपूर्ण नजरिया रखने वालों या उन लोगों को छांट कर निकालने की भी आवश्यकता है जिनका मानना है कि, अमेरिकी कानून के स्थान पर शरिया कानून लागू होना चाहिए। लोगों की तालियों के बीच ट्रंप ने कहा कि, जो लोग हमारे संविधान में विश्वास नहीं करते या कट्टरपंथ और नफरत का समर्थन करते हैं, उन्हें हमारे देश में प्रवास के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। सिर्फ उन्हें ही वीजा जारी किया जाना चाहिए जिनके हमारे देश में घुलने-मिलने और सहिष्णु अमेरिकी समाज को अंगीकारने की उम्मीद है।
नई प्रक्रिया का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि, विश्व के उन कुछ सबसे खतरनाक और संवेदनशील क्षेत्रों से प्रवास को अस्थायी रूप से स्थगित करना होगा जहां आतंकवाद को बढावा देने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि वह जैसे ही कार्यभार संभालेंगे, वह विदेश विभाग और आंतरिक सुरक्षा विभाग से उन क्षेत्रों की पहचान करने को कहेंगे जहां पर्याप्त जांच नहीं की जाती। कई ऐसे क्षेत्र हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स