संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने कहा है कि, इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने नंवबर में पेरिस के कई स्थानों पर आक्रमण करने से पहले मुंबई में हुए २६/११ आतंकी आक्रमण और इसी प्रकार के अन्य आक्रमणों का अध्ययन किया था ताकि भ्रम बढाया जा सके और अधिकतम लोगों को हताहत किया जा सके।
अनालिटिकल सपोर्ट एंड सैंक्शंस मॉनिटरिंग टीम द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आईएसआईएस, अलकायदा सैंक्शंस कमेटी के पास जमा कराई गई १८वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि, आईएस के आतंकवादियों ने पेरिस और ब्रसेल्स की तरह तकरीबन एक ही समय में कई आक्रमण करते हुए जो कार्यप्रणाली अपनाई, वह सुरक्षा कार्रवाई के संदर्भ में विशेष समस्याओं को दर्शाती है।
रिपोर्ट में कहा गया है, सदस्य देशों ने कहा कि, यह सोच समझकर अपनाई गई रणनीति थी ताकि सबसे खतरनाक आक्रमणों के विरुध्द समन्वित एवं लक्षित कार्रवाई करना कठिन बनाया जा सके। इसमें कहा गया है कि, पेरिस में १३ नवंबर २०१५ को एक खेल स्टेडियम, रेस्तरां और एक कंसर्ट हॉल को निशाना बनाकर किया गया आक्रमण २६/११ मुंबई आतंकवादी आक्रमण और नैरोबी मॉल आक्रमण की तर्ज पर किया गया था जिन्हें और बेहतर तरीके से अंजाम दिया गया।
इससे पता चलता है कि, आतंकवादियों ने भारत के मुंबई और नैरोबी के वेस्टगेट शॉपिंग मॉल में हुए आक्रमणों समेत पहले हुए आक्रमणों के बारे में अध्ययन किया था और यह सीखा था कि भ्रम को कैसे बढ़ाया जाए और हताहतों की संख्या को कैसे अधिकतम किया जाए।
स्त्रोत : झी न्युज