• अन्य स्थानों पर हिन्दुत्वनिष्ठों के आंदोलनों को अनुमती प्राप्त होती है; किंतु सातारा में अस्वीकृती प्रदर्शित की जाती है, क्या यह अजब न्याय नहीं है ?
• कानून सर्वत्र समान होते हुए भी अनुमती अस्वीकृत करना, क्या यह अन्याय नहीं है ?
सातारा : सनातन पर अन्याय्य कार्रवाई के निषेधार्थ समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने सातारा में २० अगस्त के दिन अंजिक्य गणेश मंदिर के सामने आंदोलन आयोजित किया गया था।
१९ अगस्त के दिन शाहुपुरी पुलिस थाने के पुलिस ने रात्रि ८ बजे अनुमती पत्र स्वीकार कर बताया कि, अनुमती दी जाएगी; किंतु रात्रि १० बजे अकस्मात एक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन के पदाधिकारी को दूरभाष कर पुलिस ने बताया कि, आपकोदी गई अनुमती अस्वीकृत कर दी गई है !
२० अगस्त के दिन पुनः एक बार अनुमती मांगने हेतु जाने के पश्चात अनुमती अस्वीकृत की गई है। साथ ही हिन्दु महासभा के कार्यकारिणी सदस्य श्री. उमेश गांधी तथा हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हेमंत सोनवणे को पुलिस ने १४९ की नोटीस प्रस्तुत की। (क्या पुलिस को इस बात का पता नहीं है कि, किसी बात का निषेध व्यक्त करने के लिए आंदोलन करना, यह हरएक व्यक्ति को लोकतंत्रद्वारा प्राप्त मूलभूत अधिकार है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२० अगस्त के दिन पुलिस ने अनुमती देने के लिए अस्वीकृती प्रदर्शित की। साथ ही यह हास्यास्पद कारण बताया कि, ‘आप से पूर्व अंनिस के लोग अनुमती मांगने हेतु आए थे। अतः अब आप को अनुमती देना संभव नहीं है !’
तदनंतर पुलिस ने बताया कि, ‘यदि आप ने आंदोलन किया तथा उसके कारण कुछ गडबडी हुई, तो आप उत्तरदायी होंगे, अतः आप आज के अतिरिक्त कल आंदोलन करें !’ (आजतक कभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के आंदोलन के समय गडबडी होने की एक भी घटना नहीं घटी है। ऐसा होते हुए भी अनुमती अस्वीकृत करनेवाले पुलिस जनता को क्या सच में न्याय देंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस आंदोलन में श्रीशिवप्रतिष्ठान, बजरंग दल, विश्व हिन्दु परिषद, हिन्दु महासभा, हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था, साथ ही अन्य समविचारी संगठनाएं सम्मिलित होनेवाली थी।
अतः २१ अगस्त के दिन सनातन पर अन्याय्य कार्रवाई के निषेधार्थ आंदोलन किया जाएगा। उस में उपर्युक्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनाएं सम्मिलित होंगी।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात