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पोर्ट ब्लेअर के कान्वेंट विद्यालय में विद्यार्थियों की राखियां निकाली गर्इं !

केंद्र सरकार हिन्दुओं के धार्मिक त्यौहारों का विरोध करनेवाले विद्यालयों पर कार्यवाही करने का आदेश निकाले !

दादरी प्रकरण के नाम पर हिन्दुओं को असहिष्णु सिद्ध करनेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी कान्वेंट विद्यालयों द्वारा की धर्मांधता के विषय में कभी भाष्य नहीं करते !

पोर्ट ब्लेअर – अंदमान एवं निकोबार बेटों की राजधानी पोर्ट ब्लेअर नगर के ‘कारामेल’ कान्वेंट विद्यालय में रक्षाबंधन त्यौहार के उपलक्ष्य में हिन्दू विद्यार्थियों द्वारा बांधी राखियां विद्यालय की मुख्याध्यापिका के आदेश से निकाल दी गर्इं । साथ ही उनके बस्तों को जांच कर उन्हें रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में प्राप्त भेंटवस्तुएं भी नियंत्रण में ली गर्इं । अतः अभिभावकों ने संतप्त होकर विद्यालय के व्यवस्थापन से स्पष्टीकरण मांगा है । (अमेरिका, ब्रिटेन आदि देशों में हिन्दुओं के त्यौहार मनाए जाते समय भारत के ईसाई विद्यालयों की यह धर्मांधता सामाजिक शांति एवं मित्रता को बिगाड रही है । इसलिए सरकार को ऐसे विद्यालयों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

१. इस विद्यालय में ईसाई विद्यार्थियों के लिए पृथक वर्ग की सुविधा की गई है । अभिभावकों का कहना है कि इससे विषमता दिखाई देती है ।

२. रक्षाबंधन त्यौहार के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों की राखियां निकाल देने की घटना इस विद्यालय में प्रथम बार ही हुई है । इस घटना से सामाजिक जालस्थल पर प्रतिक्रियाएं व्यक्त की जा रही हैं ।

३. इस संदर्भ में स्पष्टीकरण देते हुए विद्यालय की मुख्याध्यापिका सिस्टर मारिया रेश्मा ने राखी के संबंध में आदेश देने की बात स्वीकार की एवं इसके लिए अनुपालन का कारण बताया । साथ ही कहा कि छात्र-छात्राओं में देन-लेन करना उचित नहीं है । इससे ऐसा संदेह व्यक्त किया जाता है कि मुख्याध्यापिका का हेतु हिन्दू धर्म में बहन-भाई के पवित्र रिश्ते को अनुचित सिद्ध करना है । उनके मतानुसार भेंट देने की संस्कृति अच्छी नहीं एवं इससे स्वैराचार बढेगा । रक्षाबंधन के अवसर पर लगाए गए विचित्र नियमों के विषय में विद्यार्थियों के अभिभावकों को पूर्व सूचना क्यों नहीं दी गई, ऐसा पूछने पर सिस्टर मारिया निरुत्तर हो गर्इं ।

४. अभिभावकों द्वारा इस घटना की विस्तृत जांच करने की मांग की गई है; परंतु यहां के राजनीतिक नेता एवं लोकप्रतिनिधि मौन हैं । (धर्मनिरपेक्षता के नाम पर धर्मांधता को प्रोत्साहित करनेवाले लोकप्रतिनिधि ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्राेत : दैनिक सनातन प्रभात

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