पंजाब गोरक्षा दल के प्रमुख श्री. सतीश कुमार प्रधान को बंधक बनाए जाने की घटना की हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा निंदा !
हिन्दुआें के लिए पूजनीय गोमाता की हत्या करनेवाले कसाईयों के लिए खुली भूमि और अपनी धार्मिक आस्थाआें की रक्षा करनेवाले गोरक्षकों पर अन्यायकारी कार्यवाही करना, यह चोर को छोडकर संन्यासी को फांसी देने जैसा है । पंजाब गोरक्षा दल के प्रमुख श्री. सतीश कुमार को बंधक बनाया जाना, उसी का उदाहरण है । हिन्दू बहुसंख्यक भारत में यह हिन्दुआें की धर्मश्रद्धाआें का अपमान है । अतः शासन अपनी इस भूमिका पर पुनर्विचार करे तथा गोरक्षकों के विषय में अपनी इस पूर्वग्रह की भूमिका छोडे, अन्यथा देशभर में गोरक्षकों के समर्थन में जनआंदोलन खडा रहेगा । यह चेतावनी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने एक विज्ञप्ति द्वारा दी है ।
इस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि,
१. देश में हिन्दुत्वनिष्ठ विचारों का शासन होते हुए भी अवैध पशुवधगृह, गोमाता का अवैध परिवहन, गोहत्याएं, गोमांस का निर्यात इनमें से किसी पर भी प्रतिबंध नहीं है ।
२. लोकसभा चुनावप्रचार में वर्तमान सत्ताधारी भाजपा ने गुलाबी क्रांति (पिंक रिवोल्यूशन) रोकने का आश्वासन दिया था । वास्तव में भारत से विदेश में गोमांस का निर्यात बढने के आंकडे सामने आ रहे हैं ।
२. गोतस्कर तथा कसाईयों पर कार्यवाही करने की अपेक्षा पुलिस द्वारा उनको संरक्षण देकर वैधानिक पद्धति से कार्य कर रहे गोरक्षकों पर ही झूठे अभियोग प्रविष्ट किए जाने के प्रकरण सामान्य होते जा रहे हैं ।
३. कांग्रेस के शासनकाल में होनेवाले ये प्रकरण, अब हिन्दुत्वनिष्ठ विचारों का शासन सत्ता में आने पर भी बंद नहीं हुए हैं, यह दुर्भाग्यजनक है ।
५. गाय दूध देती है, मत नहीं देती, इस नई विचारधारानुसार शासन यदि गोरक्षकों पर अन्याय करता हो, तो वह क्षोभजनक है । अतः हिन्दुआें की भावनाआें का सम्मान कर शासन श्री. सतीश कुमार प्रधान के विरुद्ध प्रविष्ट अभियोग तत्काल वापस लेकर उनको छोडे तथा गोमाता की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए ।