नई मुंबई – व्यक्ति का परिचय उस में व्याप्त गुण एवं दोषों के कारण होता है । सद्गुणी व्यक्ति सभी को अपना लगता है; परंतु दुर्गुणी व्यक्ति दुर्गुणों के कारण स्वयं को तथा दूसरों को भी कष्ट पहुंचाता है । मानसिक तनाव से यदि दूर रहना हो, तो व्यक्तित्व का विकास होना आवश्यक है । व्यक्तित्व के विकास हेतु स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन करने केअतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है । यह प्रतिपादन श्रीमती स्मिता नवलकर ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १२ अगस्त को खारघर के जनता शिक्षण प्रसारक मंडल द्वारा संचालित कॉलेज ऑफ एज्युकेशन के बी.एड. की छात्राआेंका व्यक्तित्व का विकास एवं गुणसंवर्धन विषयपर मार्गदर्शन करते समय वे बोल रही थीं ।
इस मार्गदर्शन के समय महाविद्यालय के प्राध्यापक भी उपस्थित थे । इस शिबिर के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य श्री. सोनकांबळे से सहयोग प्राप्त हुआ । कार्यक्रम के लिए प्राध्यापक श्री. साठे तथा अन्य प्राध्यापकों से भी सहयोग प्राप्त हुआ । इस अवसर पर सनातन संस्था द्वारा निर्मित स्वभावदोष एवं अहंनिर्मूलन, गुणसंवर्धन विषयोंपर आधारित लगाई गई ग्रंथप्रदर्शनी का लाभ उपस्थितोंने उठाया । उपस्थित प्राध्यापकोंने इन ग्रंथों का समावेश महाविद्यालय के ग्रंथालय में करनेका आश्वासन दिया ।