-
केंद्र सरकारने जल्द से जल्द धर्मांतरविरोधी कानून बनाकर धर्मांतरण रोकना चाहिए !
-
घरवापसी को विरोध करनेवाले, हिन्दुआेंके धर्मांतरण पर हर समय मौन ही धारण करते है, यह ध्यान में लें ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
बक्सर – बिहार में बक्सर जिले के चौंगाई गांव में पांच सौ हिंदुओं ने धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म अपना लिया है। धर्मांतरण करने वाले महादलित वर्ग से हैं। र्इसार्इयोंद्वारा उन्हें बेहतर जिंदगी का विश्वास दिलाया गया है।
गांव में बचे पांच सौ और महादलितों पर भी धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं इस संबंध में जिलाधिकारी रमण कुमार ने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी। मामले की जांच कराई जाएगी।
चौगाई के महादलित क्षेत्र में मुसहर बिरादरी के सौ परिवार रहते हैं। इनकी जनसंख्या एक हजार के करीब है। आर्थिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े इन परिवारों के पांच सौ लोग पिछले चार माह के भीतर ईसाई धर्म अपना चुके हैं।
दबाव देकर धर्मांतरण का मामला उजागर होने के बाद पंचायत के प्रतिनिधियों व ग्रामीणों में हड़कंप है। ईसाई धर्म स्वीकार करने वाले गांव के योगेंद्र मुसहर ने बताया कि मोहल्ले के सभी महादलित मोती मुसहर को नेता मानते हैं।
पहले मोती ने ईसाई धर्म स्वीकार किया। नौवीं तक पढ़े मोती ने कहा कि, कुछ साल पहले उसका परिवार बीमारी को ले परेशान था। ओझा-गुनी भूत-प्रेत का साया बता रहे थे। उससे किसी ने कहा कि पास के अरियांव गांव में कुछ ईसाई रविवार को आते हैं और प्रार्थना कराते हैं।
इसके बाद सब कुछ ठीक हो जाता है। मोती का कहना है कि नया धर्म अपनाने पर उसे अंधविश्वास से छुटकारा मिला और परिवार में भी सबकुछ ठीक हो गया। इसके बाद वह कई महादलितों के धर्म परिवर्तन का माध्यम बना।
शुक्रवार और शनिवार को लगता है धर्मांतरण शिविर
ईसाई बने महादलितों में हीरालाल, कर्ण, नन्हकी देवी एवं फूलकुमारी देवी ने बताया कि प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को नावानगर प्रखंड के सोनवर्षा व रोहतास जिले से ईसाई धर्मगुरु यहां आते हैं। वे लोग अब इस धर्म को मान चुके हैं और बच्चों के शादी-विवाह भी इसी धर्म में करेंगे।
वहीं धर्म परिवर्तन से इन्कार करने वाले बस्ती के लोगों ने बताया कि प्रार्थना में उनसे हिदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने का संकल्प दिलाया जाता है।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया