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केरल में ईसाइयों के पक्षपाती आचरण से पीडित दलित ईसाईयों की घर वापसी !

ईसाइयों का खरा रूप समझ में आने पर, अपने घर लौटनेवाले हिन्दुओं का अभिनंदन !

अन्य धर्मांतरित हिन्दुओं को उनसे सीखना चाहिए !

dharmantar

थिरुवनंतपुरम – केरल में कुछ हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के आरंभ घर वापसी उपक्रम को अच्छा समर्थन मिल रहा है । ईसाई धर्मीयों के पक्षपाती आचरण से पीडित बहुत-से दलित ईसाईयों ने घर वापसी की है एवं कुछ और करनेवाले हैं ।

१. केरल शासन के राजपत्र में प्रकाशित आंकडों के अनुुसार वर्ष २०१५ में १ सहस्र ३३५ लोगोें ने धर्मपरिवर्तन किया है । इसमें ६६० दलित ईसाई हैं, जिन्होंने हिन्दू धर्म में प्रवेश किया है ।

२. पिछले १९ महीनों में १ सहस्र ११९ लोगों ने ईसाई धर्म, ८४० लोगों ने हिन्दू धर्म एवं ८५ मुसलमानों ने इस्लाम धर्म छोडा है ।

३. ‘केरल धर्मांतरित ईसाई विकास महामंडल’ के भूतपूर्व अध्यक्ष शिन्स पीटर ने कहा है कि आरक्षण का लाभ उठाने हेतु दलित ईसाई हिन्दू धर्म में प्रवेश कर रहे हैं तथा वे ईसाई धर्म के पक्षपाती व्यवहार से भी दुःखी हैं ।

४. इसी महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक एन. रविंद्रन् कहते हैं कि हिन्दू अनुसूचित जाति के लोगों का जीवनस्तर, दलित ईसाईयों की तुलना में बहुत अच्छा है ।

५. दलित कार्यकर्ता सनी कपीकड कहते हैं कि ईसाई बने दलितों के साथ निम्नस्तर का व्यवहार किया जाता है । मूल ईसाई समाज, नए ईसाईयों से रोटी-बेटी का व्यवहार नहीं करता । इसी प्रकार, दलित ईसाई धर्मगुरु (पादरी) बनने की संभावना बहुत अल्प रहती है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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