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कुंड के पानी में रखी श्रीगणेशमूर्ति का विघटन कराने के लिए उसमें अमोनियम बायकार्बोनेट छोडने का अघोरी निर्णय !

श्री गणेशमूर्तियों का विघटन करने के लिए उस पानी में अमोनियम बायकार्बोनेट का उपयोग

  • पुणे महानगरपालिका का और एक हिन्दुद्रोह !

  • धर्मशास्त्र के अनुसार मूर्तिविसर्जन पर्यावरणपूरक ही है, यह ध्यान में लिजिए !

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पुणे – पुणे महानगरपालिका ने इस वर्ष श्रीगणेशमूर्तियों का विसर्जन कराने के लिए बनाए जानेवाले तात्कालिक कुंडों में श्रीगणेशमूर्तियों को घुलाने के लिए पानी में अमोनियम कार्बोनेट (बेकिंग सोडा) का मिश्रण करने का निर्णय लिया है । (इस प्रकार से सोडामिश्रित पानी बनाना तथा उसमें श्रीगणेशमूर्ति का विसर्जन कराना, यह एक प्रकार से श्रीगणेशजी का अनादर ही है ! अपवित्र पानी में श्रीगणेशजी की पवित्र मूर्ति का विसर्जन करना लाभदायक नहीं है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

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१. खाने के लिए उपयोग किए जानेवाले सोडे का (सोडियम बायकार्बोनेट) पानी में मिश्रण करनेपर कुछ ही घंटे में मूर्ति का विघटन होता है । (पहले महानगरपालिका प्रशासन कुंडों का निर्माण कर हिन्दुद्रोही कृत्य करती थी । अब महानगरपालिका उससे भी एक पग आगे बढ गई है । पहले मूर्तिभंजक मुसलमान हथौडों आदि से हिन्दुआें के देवताआें की मूर्तियां तोडते थे । अब महानगरपालिका ने श्रीगणेशमूर्तियों का विघटन कराने की आड में इस प्रकार का अघोरी कार्य करने का निर्णय कर, उन्हीं का अनुसरण करने का निश्‍चय किया है । अतः यह महानगरपालिका गजनी की प्रतीत होती है ! – संपादक) राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शुभांगी उंबरकर ने मूर्ति का विघटन करने की इस पद्धति का अविष्कार किया है । (धर्मशास्त्र का ज्ञान न होने के कारण ही इस प्रकार के अविष्कार किए जाते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

२. पुणे महानगरपालिका ने नगर में पानी के ऐसे ५० कुंडों का निर्माण करवाया है, जिनमें श्रीगणेशमूर्तियों का विसर्जन किया जाता है । नगरपालिका अबतक इन मूर्तियों का विघटन नदी अथवा खानों में करती थी ।

३. राष्ट्रीय केमिकल्स एन्ड फर्टिलायजर्स (आरसीएफ्) शासन का उर्वरक एवं केमिकल बनानेवाला विभाग है । पालिका ने इस आरसीएफ् से गणेशोत्सव के लिए १० टन अमोनियम बायकार्बोनेट का क्रय करने का निर्णय किया है । (इसमें भ्रष्टाचार कैसे नहीं होगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

पालिका के आंकडों के अनुसार पुणे नगर में ३ लाख से भी अधिक श्रीगणेशमूर्तियां होंगी । इनका विघटन कराने के लिए २ सहस्त्र टन अमोनियम बायकार्बोनेट लगनेवाला है । (हिन्दुओ, पालिका के इस हिन्दूद्रोही निर्णय का विरोध कर, श्री गणेशमूर्ति का बहते पानी में विसर्जन करने का आग्रह करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

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खाने के लिए उपयोग किए जानेवाले सोडे का (सोडियम बायकार्बोनेट) पानी में मिश्रण कर
श्री गणेशमूर्ति का इस तरह से विघटन किया जानेवाला है . . .
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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