हिन्दू जनजागृति समिति का ‘आदर्श गणेशोत्सव अभियान’
नंदुरबार : यहां के सभी गणेशोत्सव मंडलों को संगठित कर हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा स्थापित गणेशोत्सव महामंडल की मांगों पर विचार-विमर्श कर यहां के जिलाधिकारी डॉ. कलशेट्टी एवं जिला पुलिस अधीक्षक श्री. राजेंद्र डहाळे ने सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए उन पर हल ढूंढने का आश्वासन दिया।
उन्होंने २१ अगस्त को बडे मारुति मंदिर में नगर के सभी गणेशोत्सव मंडलों की एकत्रित बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में नगर के विविध मंडलों के ९५ से अधिक पदाधिकारी उपस्थति थे।
हिन्दू जनजागृति समिति एवं अन्य मंडलोंद्वारा की गई मांगों पर जिलाधिकारीद्वारा दिए गए आश्वासन
१. विविध विभागों से संबंधित अनुमति एक खिडकी योजना से उपलब्ध कराने हेतु प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा।
२. प्रकाशा के सीधे पात्र में जाने की सुविधा नहीं है। इसलिए नए पुल से मूर्तियां फेंक कर विसर्जित की जाती है। इस विडंबना को रोकने हेतु पुल पर विसर्जन के लिए क्रेन देंगे अथवा पात्र में उतरने हेतु मार्ग बनाएंगे।
३. मंडप के पास एवं मार्ग पर छेडखानी करनेवाले समाजकंटकों की ‘व्यवस्था’ करने हेतु दामिनी पथक में उपनिरीक्षक स्तर के ४ अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी ।
गणेशोत्सव महामंडल में सम्मिलित मान्यवर एवं संगठन
हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल, जय बजरंग व्यायाम शाला के श्री. शेखर मराठे, मारुति व्यायामशाला के श्री. अर्जुन मराठे, भगवती व्यायाम शाला के श्री. बंटी नेतलेकर, गौरीपुत्र व्यायामशाला के श्री. प्रेमसिंधी तथा क्रम में पहले रहनेवाले बाबा गणपति, दादा गणपति एवं काका गणपति एवं रोकडेश्वर व्यायामशाला एवं अन्य मंडलों के पदाधिकारी
ज्ञापन में की गई अन्य मांगें
- मूर्तिदान के कारण धर्मभावनाओं को ठेस पहुंचती है। साथ ही वह धर्मशास्त्रसम्मत नहीं है। उसीप्रकार संकलित मूर्तियां टूटी अवस्था में पडी दिखाई देती हैं। अतः देवी-देवताओं का अपमान होता है। इसे रोका जाना चाहिए।
- कृत्रिम तालाब में मूर्तिविसर्जन करना, कूडे की गाडी से मूर्ति लेकर जाना तथा निर्माल्य, पालिका की कूडे की गाडी से लेकर जाना भी धर्मशास्त्र के विरोध में है एवं इस से धर्मभावनाओं को ठेस पहुंचती है । इसे भी बंद करें।
- विसर्जन मार्ग की सडकों का स्थायी रूप से सुधार हो।
- विसर्जन के दिवस पर अथवा गणेशोत्सव की कालावधि में भी पथदिए बंद रखना अथवा वीज खंडित होना, रोकना चाहिए।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात