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पुणे के कोंढवा खुर्द में, हज हाऊस निर्माण हेतु निधि देने का निर्णय

अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण !

  • यह सिद्ध हो गया है कि हज हाऊस में देशद्रोही कार्रवाईयां हो रही हैं, फिर भी नए-नए हज हाऊस निर्मिति के लिए भूमि देना, क्या देश की आतंकवादी कार्रवाईयों को प्रोत्साहन देने समान नहीं है ?

  • क्या इसे वारकरी भवन का प्रश्न प्रलंबित रखनेवाली पुणे महानगरपालिका का पक्षपात कहेंगे ?

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पुणे : कांग्रेस के श्री. अविनाश बागवेद्वारा नगर के कोंढवा खुर्द क्षेत्र में हज हाऊस बांधने हेतु १ करोड रुपयों की निधि उपलब्ध करा देने का प्रस्ताव रखा गया था।

अतः आगामी पालिका चुनावों को ध्यान में रखते हुए स्थाई समिति में २४ अगस्त को बहुमत के जोर पर कांग्रेसी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेसीयोंद्वारा पदपथ पर प्रयुक्त किया गया निधि को मोड़ देते हुए, इस कारण १ करोड रुपए उपलब्ध करा देने का निर्णय लिया गया है। (हिन्दुओे, अल्पसंख्यकों का चापलूसी करनेवाले ऐसे दलों को पालिका के आगामी चुनाव में घर बिठाएं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

हज हाऊस के लिए पैसे देने के इस निर्णय को शिवसेना एवं भाजपा इन्होंने विरोध किया। फिर भी हज हाऊस को सम्मति दी गई; परंतु इस अवसर पर ऐसा प्रश्न उपस्थित किया गया कि प्रस्तावित वारकरी भवन का, क्या हुआ ?

कोंढवा, पुणे का प्रस्तावित हज हाउस
कोंढवा, पुणे का प्रस्तावित हज हाउस

१. स्थाई समिति के अध्यक्ष श्री. बाळासाहेब बोडके ने कहा कि, हज हाऊस के लिए धन उपलब्ध करा देने हेतु शिवसेना एवं भाजपाद्वारा विरोध करने पर इस पर मतदान किया गया। स्थाई समिति में कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस का बहुमत होने के कारण इस संदर्भ का प्रस्ताव सम्मत हुआ।

२. इस अवसर पर भाजपा की नगरसेविका श्रीमती मुक्ता टिळक एवं श्री. श्रीकांत जगताप ने कहा कि, इस प्रकार से विकास निधि का उपयोग करने के लिए हमारा विरोध है। शिवसेना के गुटनेता श्री. अशोक हरणावळ ने कहा कि, कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेसद्वारा आगामी पालिका चुनावों को ध्यान में रख कर मतों की राजनीति के लिए ‘विशेष’ वर्ग को प्रसन्न करने हेतु हज हाऊस के लिए सम्मति दी गई है !

३. पुणे में हज हाऊस के प्रस्ताव से पूर्व ‘वारकरी भवन’ का प्रस्ताव दिया गया था। हज हाऊस के लिए कोंढवा खुर्द में एमिनिटी स्पेस की भूमि मिली; परंतु जिस नगर में प्रतिवर्ष संत ज्ञानेश्वर एवं संत तुकाराम महाराज की पालकी २ दिन तक मुकाम करती है, उस नगर में वारकरी भवन के लिए भूमि नहीं मिलती ! हिन्दुत्वनिष्ठों ने ऐसी आलोचना की है कि, वारकरी भवन के लिए भूमि न रहने का कारण बता कर कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी हाथ झटक रहे हैं। (वारकरी भवन के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है, ऐसा कहनेवालों को हज हाऊस के लिए भूमि कैसे प्राप्त होती है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

वारकरी भवन हेतु २ महिने में भूमि दी जाएगी ! – महापौर श्री. जगताप

हज हाऊस की सम्मति के पश्चात पत्रकारों ने महापौर श्री. प्रशांत जगताप से पूछा कि, वारकरी भवन के प्रस्ताव का क्या हुआ ? तो उन्होंने मोघम आश्वासन देते हुए कहा कि, ‘वारकरी भवन के लिए २ महिने में भूमि उपलब्ध करा दी जाएगी !’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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