पूर्णावतार भगवान श्रीकृष्णजी की स्मृति में मनाया जानेवाला आनंददायी त्यौहार है ‘दहीहंडी’, किंतु, इस पावन अवसर पर युवाओं का हंगामा ही दिखाई पड़ा, हर जगह !
पुणे : पूर्णावतार भगवान श्रीकृष्णजी की स्मृति में मनाया जानेवाला आनंददायी त्यौहार है दहीहंडी का त्यौहार !
दुर्भाग्यवश धर्मशिक्षा के अभाव के कारण हाल ही में मनाया गया दहीहंडी का त्यौहार अधिकांश स्थानोंपर अत्यंत विकृत पद्धति से मनाया गया। चौक-चौक पर मनाए गए इस त्यौहार में युवाओं का हंगामा था; परंतु श्रीकृष्णजी के प्रति भाव नहीं था। नृत्य था; परंतु उसमें आनंद नहीं, अपितु बीभत्सता थी।
युवकों में उत्साह तो था; परंतु उसमें भक्तिभाव का अभाव था। अधिकांश सभी स्थानोंपर फ़िल्मी गीतोंपर विकृत अंगविक्षेप कर नाचते हुए मानवीय मीनारों की रचना कर दहीहंडी फोडी गई। (इस प्रकार से त्यौहार मनाने का अर्थ दहीहंडी की आड में मनोरंजन की अपनी विकृत इच्छा पूरी कर लेना ही है ! त्यौहार यदि धर्मशास्त्र की दृष्टि से मनाए गए, तभी उनका आध्यात्मिक स्तरपर लाभ मिलता है। ऐसी विकृति के कारण आध्यात्मिक लाभ तो मिलता ही नहीं; किंतु अयोग्य कृत्य करनेवाले और उसके मूकदर्शक बननेवाले तो पाप के धनी बनते हैं। ऐसा ना हो; इसलिए समाज को धर्मशिक्षा मिलनी आवश्यक है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. पुणे महानगरपालिका के आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए दहीहंडी त्यौहार के ४ दिन पहले से ही चौक-चौक पर होनेवाले मंडलों के कार्यकर्ताओं की चापलूसी की इच्छा पूरी करने के लिए फलक लगाए गए थे !
२. अनेक स्थोनोंपर मुख्य चौक में ही दहीहंडी लगाई जाने से सायंकाल पश्चात शहर के अधिकांश क्षेत्र में यातायात पूरी तरह से थम गया था।
३. न्यायालय का आदेश तोडकर अनेक स्थानोंपर २० फीट से भी अधिक ऊंचाईपर दहीहंडी बांधी गई थी।
४. भड़कीली विद्यतु आराईश, ध्वनिवर्धकों की दीवारें खडी कर कर्णकटु आवाज में लगाए गए फ़िल्मी गीत तथा उसपर विकृत अंगविक्षेप कर नाचनेवाले युवा लडके, पटाखों की आतिशबाजी, दहीहंडी फ़ोडनेवालों के लिए लगाए गए लाखों के पुरस्कार, अनेक स्थानोंपर फ़िल्मी हस्तियों की उपस्थिती तथा उनको देखने के लिए आबालवृद्धों की उमडी हुई भीड और इससे पुलिसपर बना हुआ तनाव, यही दृश्य सर्वत्र देखने को मिले !
फ़िल्मी हस्तियों को देखने के लिए दर्शकों में आपस में मारपीट होने की घटना भी भोसरी परिसर में हुई। अनेक स्थानोंपर ‘महिला दहीहंडी’ का भी आयोजन किया गया था।
५. महाविद्यालयों में मनाए जानेवाले दहीहंडी के त्यौहार में भी छात्रों ने फ़िल्मी गीतोंपर नाचते हुए दहीहंडी फोडी।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात