हिन्दुआेंकी हो रही हत्या के भय से पाकिस्तान के मंदिरोमें पुजारी नहीं मिल रहे है, क्या इसका विचार कभी पाकिस्तान सरकार ने किया है ? पुजारीयों को वेतन बढावे के साथ साथ उनकी सुरक्षा के लिए भी ठोस कदम उंठाने चाहिए ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
असुरक्षाकी भावना के चलते पाकिस्तान में हिन्दुआेंकी स्थिति किसी से छुपी नहीं है। इसका परिणाम सामान्य जनजीवन के साथ लोगों की आस्था पर भी पड़ता है। हिन्दुआें के मंदिरों की बात करें तो यहां के लिए पुजारी मिलते ही नहीं। इसी कमी को दूर करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने एक्यू ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड को पुजारियों का सेलरी ग्रेड बढ़ाने की मंजूरी दी है। ग्रेड के बढ़ जाने के बाद पुजारियों की सेलरी आठ से दस हजार रुपए तक बढ़ जाएगी।
अल्पसंख्यकों की धार्मिक संपत्ति की देखरेख करने वाले उपरोक्त बोर्ड के चेयरमैन फारुक उल सिद्धीक ने बताया कि बोर्ड अधिकारियों कुछ खास मंदिरों के अधिकारीयों की बैठक ९ सितंबर को बुलाई गई है और इसमें पुजारियों के ग्रेड बढ़ाने को मंजूरी को सिरे चढ़ाया जाना है। उनका कहना है कि अभी तक पाकिस्तान के मंदिरों में पूजा करने के लिए बोर्ड के पास सिर्फ आठ पुजारी हैं। उनका कहना है कि, यह नफरी काफी कम है और सरकार चाहती है कि दूसरे धर्मों के स्थानों की तर्ज पर यहां भी देखरेख हो।
पाकिस्तान में बंटवारे से पहले के छोटे-मोटे हजारों मंदिर थे किंतु जिहादीयों ने धीरे-धीरे उनपर आक्रमण के उन्हें नष्ट कर दिया । इस समय भी वहां पर केवल ९० के करीब प्रमुख मंदिर बताए जाते हैं। इसमें आदित्य सूर्य मंदिर मुल्तान, जगन्नाथ मंदिर स्यालकोट, कटास राज मंदिर चकवाल, कृष्णा मंदिर रावी रोड लाहौर, वाल्मीकि मंदिर लाहौर, लावा मंदिर लाहौर किला, टीला जोगियां मंदिर स्यालकोट, हिंगलाज मंदिर पेशावर, स्वामी नारायण मंदिर कराची, वरुण देव मंदिर कराची आदि के नाम शामिल हैं।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर