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‘शाहिरी कला’ के माध्यम से धार्मिक एवं राष्ट्रीय समस्याओं के संदर्भ में समाज का उद्बोधन करने की आवश्यकता ! – श्री. किरण दुसे

‘शाहिरी कला’ (वीरश्रीयुक्त गीतों का कार्यक्रम) के माध्यम से धार्मिक एवं राष्ट्रीय समस्याओं के संदर्भ में समाज का उद्बोधन आवश्यक

'शाहिरी प्रतियोगिता' अवसर पर संबोधित करते हुए समिति के श्री. किरण दुसे
‘शाहिरी प्रतियोगिता’ अवसर पर संबोधित करते हुए समिति के श्री. किरण दुसे

मलकापुर (जिला कोल्हापुर) : आज हमारे सामने केवल ‘माखन खानेवाले’ अथवा ‘रासलीला करनेवाले’ श्रीकृष्ण का वर्णन किया जाता है; किंतु आज श्रीकृष्ण के धर्मसंस्थापना का कार्य करनेवाले रूप का वर्णन करने की आवश्यकता है !

देश में गोहत्याएं, मंदिरों का सरकारीकरण, धर्मांतरण साथ ही लव्ह जिहाद जैसी अनेक समस्याएं, साथ ही देशपर प्रतिदिन बढता जा रहा ऋण, महिलाओंपर होनेवाले अत्याचार, किसानों की आत्महत्याएं, सैनिकोंपर होनेवाला पथराव जैसी अनेक राष्ट्रीय समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। इसलिए इस शाहिरी कला के माध्यम से इस स्थिति के संबंध में समाज का उद्बोधन करने की अत्यंत आवश्यकता है। हिन्दू जनजागृति समिति के कोल्हापुर समन्वयक श्री. किरण दुसे ने ऐसा प्रतिपादित किया।

२४ अगस्त को यहां से निकट येळवण जुगाई गांव के जुगाई मंदिर में ॐ स्वरूप शिवशक्ति आध्यात्मिक शाहिरी मंडल की ओर से भव्य भेदिक शाहिरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। वे, इस अवसरपर ‘हिन्दू धर्म की वर्तमान स्थिति एवं उपाय’ तथा ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता’ इस विषय पर संबोधित कर रहे थे।

इस कार्यक्रम का लाभ शाहूवाडी, सिंधुदुर्ग, करवीर इन तहसिलों के २६ गांवो से उपस्थित ४०० से भी अधिक शाहिरी कार्यकर्ता एवं शाहिरी प्रेमीयों ने लिया। सूत्रसंचालक श्री. गणपति कातकर (गांव – लोळावणे) एवं कार्यवाहक श्री. बंडू पाटिल (गांव – वाळूर) इन्होंने इस कार्यक्रम हेतू विशेष परिश्रम लिये।

सनातन की श्रीमती सुनिता भोपळे ने यहां की सरपंच श्रीमती सुनंदा कोटकर को सम्मानित किया। इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रसाद कुलकर्णी एवं सनातन संस्था की श्रीमती मंगला हर्डीकर आदि उपस्थित थे।

क्षणिकाएं

१. ॐ स्वरूप शिवशक्ति आध्यात्मिक शाहिरी मंडल की ओर से होनेवाले कार्यक्रम में मार्गदर्शन करने के लिए समिति के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया।

२. कार्यक्रम में गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में चलाए जा रहे ‘मूर्तिदान’ अभियान से होनेवाली हानी के संदर्भ में उपस्थित लोगों को अवगत कराया गया। इसके पश्‍चात मूर्तिदान न करने का संकल्प करने के संबंध में किए गए आवाहन को उपस्थित धर्माभिमानियों ने तालियां बजाकर स्वयंस्फूर्त प्रत्युत्तर दिया।

कार्यकर्ता एवं उपस्थितों ने ४५ ‘सनातन पंचांग’ क्रय किए !

कार्यक्रम के आयोजक श्री. दगडू पाटिल (पेरीड) ने सनातन पंचाग २०१७ का महत्त्व विशद किया। उन्होंने कहा कि, सभी हिन्दुओं के घरों में यह पंचाग होना आवश्यक है तथा सभी को सनातन पंचाग का क्रय करने का आवाहन किया। इसका स्वयंस्फूर्त प्रत्युत्तर देते हुए कार्यक्रम चलते समय ही उपस्थित कार्यकर्ताओं ने लगभग ४५ ‘सनातन पंचांग’ क्रय किए !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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