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सनातन संस्था की अपकीर्ति करने के प्रकरण में ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के विरोध में न्यायालयीन दावा

सनातन संस्था की, टाइम्स ऑफ इंडियाद्वारा अपकीर्ति

सनातन संस्थाद्वारा मानहानि पूर्ति हेतु १० करोड रुपयों का दीवानी दावा फोंडा, गोवा के दीवानी न्यायालय में प्रविष्ट

सनातन संस्था के व्यवस्थापकीय न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठे
सनातन संस्था के व्यवस्थापकीय न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठे

फोंडा (गोवा) : सनातन संस्था के बढते प्रसार की व्याप्ति एवं संस्था की समाज में प्रतिष्ठा ज्ञात होते हुए भी संस्था की मानहानि करने के उद्देश्य से अंग्रेजी समाचारपत्र टाइम्स ऑफ इंडिया ने ‘फॉर दिस कल्ट, क्रिटिक्स आर डेमॉन्स’ (For this cult, critics are ‘demons’) इस शीर्षक के अंतर्गत संस्था की मानहानि करनेवाला लेख २० जून २०१६ के अंक में प्रकाशित कर संस्था की मानहानि की।

अतः सनातन संस्था की अपरिमित हानि हुई है !

इसलिए सनातन संस्था के व्यवस्थापकीय न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठे ने संस्था के मानद वैधानिक परामर्शदाता श्री. रामदास केसरकर के माध्यम से इस दैनिक के संपादक, स्वामी, मुद्रक एवं प्रकाशक के विरोध में १० करोड रुपयों की क्षतिपूर्ति का दीवानी दावा फोंडा, गोवा के दीवानी न्यायालय में प्रविष्ट किया है।

संपादक, स्वामी, मुद्रक एवं प्रकाशक को दि. ११.७.२०१६ को वैधानिक रूप से सूचनापत्र (नोटिस) दिया गया था तथा मानहानिपूर्ति हेतु १० करोड रुपयों की राशि की मांग की थी; परंतु उन्होंने वैधानिक सूचनापत्र में संस्थाद्वारा की गई मांग अस्वीकार कर दी।

इसलिए सनातन संस्था के व्यवस्थापकीय न्यासी श्री. वीरेंद्र मराठे ने हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता श्री. गजानन नाईक, श्री. नागेश ताकभाते, कु. दीपा तिवाडी एवं श्री. रामदास केसरकर के माध्यम से दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया के संपादक जॉय पूरकायास्था; स्वामी बेनेट कोलमन एंड कंपनी लि.; मुद्रक एवं प्रकाशक श्री. रणजीत जगदाळे के विरोध में मानहानिपूर्ति के लिए १० करोड रुपयों की मांग का दीवानी दावा फोंडा, गोवा के दीवानी न्यायाधीश (वरिष्ठ स्तर) के न्यायालय में प्रविष्ट किया है।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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